‘तौक्ते’ चक्रवात की तीव्रता बढ़ी

‘तौक्ते’नई दिल्ली – लक्षद्विप के करीब निर्माण हुए ‘तौक्ते’ चक्रवात की तीव्रता बढ़ी है। अरब सागर का वर्तमान माहौल इस तूफान के लिए सहायक बना है और इस वजह से यह तूफान अधिकाधिक तीव्र हो रहा है, ऐसा मौसम विभाग ने कहा है। अगले कुछ घंटों के दौरान इस तूफान की तीव्रता अधिक बढ़ेगी। इससे प्रतिघंटा करीबन १५० किलोमीटर गति से हवाएं चलेंगी और यह तूफान काफी शक्तिशाली तूफान में तब्दील होगा, ऐसा इशारा मौसम विभाग ने दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस चक्रवात के संकट का सामना करने के लिए की जा रही तैयारी का जायज़ा लिया। इसी पृष्ठभूमि पर केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, गोवा एवं महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए ‘एनडीआरएफ’ के १०० दल तैनात किए गए हैं।

कम दबाव का क्षेत्र निर्माण होने के बाद अरब सागर में निर्माण हुए इस चक्रवात की वजह से केरल के तटीय क्षेत्र में बीते दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। केरल के तटीय क्षेत्र पर बड़ी लहरें टकरा रही हैं और तटीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों में ज़मीन और सड़कों का स्खलन होने की घटनाएँ हुई हैं। इसके साथ ही समुद्र का पानी घुसने की वजह से और तेज़ हवाओं से कई घरों को नुकसान पहुँचा है। कुछ स्थानों पर तेज़ बारिश से बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई है। कर्नाटक के तटीय जिलों में शनिवार के दिन भारी बारिश हुई।

‘तौक्ते’इससे पहले ‘तौक्ते’ चक्रवात की हवा की गति प्रतिघंटा ६० से ७० किलोमीटर होगी, ऐसा अनुमान मौसम विभाग ने लगाया था। लेकिन, शनिवार के दिन मौसम विभाग ने अपने अनुमान में सुधार किया। इस चक्रवात की तीव्रता अधिक बढ़ी है, ऐसा मौसम विभाग ने कहा है। साथ ही अगले कुछ घंटों के दौरान इस चक्रवात की तीव्रता अधिक बढ़ेगी, यह दावा भी मौसम विभाग ने किया है। अरब सागर का तापमान और अन्य स्थिति इस चक्रवात के लिए सहायक साबित हो रही है और यह चक्रवात अधिकाधिक तीव्र और ताकतवर होने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया है।

मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार ‘तौक्ते’ चक्रवात १८ मई के दिन गुजरात के पोरबंदर से नालिया के बीच के तट से टकराएगा। इस दौरान चक्रवात की हवाओं की गति प्रतिघंटा १५० किलोमीटर हो सकती है, ऐसा इशारा मौसम विभाग ने दिया है।

‘तौक्ते’वर्ष २०१८ में गुजरात के तट को चक्रवात ने बड़ा नुकसान पहुँचाया था। उस समय १६५ किलोमीटर गति से हवाएं चली थीं। गुजरात के कांड़ला से यह चक्रवात टकराया था। इस चक्रवात से करीबन १० हज़ार लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया गया था। इसके अलावा ११ हज़ार पशु भी इस दौरान मारे गए थे। इसके अलावा डेढ़ लाख घर, इमारतें और प्रकल्पों को भी इस चक्रवात ने नुकसान पहुँचाया था। इससे करीबन १२० अरब रुपयों से अधिक नुकसान होने का अनुमान लगाया गया था।

‘तौक्ते’ चक्रवात वर्ष १९९८ में टकराए चक्रवात के मार्ग से ही आगे बढ़ रहा है और उसी की तरह भयंकर होता जा रहा है, ऐसा मौसम विभाग के अफसरों का कहना है। इस वजह से गुजरात में इस चक्रवात का सामना करने की बड़ी तैयारी जारी है। इससे पहले गोवा, कोंकण तट पर भी इस चक्रवात की वजह से भारी बारिश और तुफानी हवाएं चलेंगी। ऐसे में पेड़, बीजली के खंबे गिरने की घटनाएँ हो सकती हैं। इस दौरान कच्चे मकानों को भी नुकसान पहुँच सकता है, ऐसा इशारा दिया गया है। तटीय क्षेत्र से चार से पांच मीटर ऊंची लहरें टकरा सकती हैं। इस पृष्ठभूमि पर तटीय क्षेत्र में सावधानी का इशारा दिया गया है।

‘तौक्ते’बीते कुछ वर्षों से हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवात का निर्माण अधिक मात्रा में होने लगा है। इसके पीछे समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने का प्रमुख कारण होने की बात कही जा रही है। अरब सागर क्षेत्र बंगाल की खाड़ी की तुलना में ठंड़ा माना जाता है। इस वजह से अरब सागर में चक्रवात का निर्माण होने की मात्रा कम है। लेकिन, यहां पर भी तापमान बढ़ने की बात सामने आयी है और एक साल में चार से छह तूफानों का निर्माण इस क्षेत्र में हो रहा है। बीते वर्ष ‘निसर्ग’ चक्रवात ने महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुँचाया था। इसके बाद हिंद महासागर में गाटी, निवार, बुरेवी चक्रवात का निर्माण हुआ। लेकिन, यह चक्रवात भारतीय तट से नहीं टकराए थे।

उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवात निर्माण होने की सबसे अधिक मात्रा २०१९ में देखी गई। इस दौरान करीबन १२ चक्रवात निर्माण होने की बात दर्ज़ हुई थी। इनमें से पबुक, फानी, वायु, हिक्का, ख्यार, महा, बुलबुल चक्रवात ने भारतीय तटीय क्षेत्र को कम-ज्यादा मात्रा में नुकसान पहुँचाया था। इनमें से हिक्का, महा, ख्यार नामक चक्रवातों का प्रभाव भारत के पश्‍चिमी तट पर पड़ा था।

इसी बीच अब निर्माण हुए ‘तौक्ते’ चक्रवात का नाम म्यांमारी है और इसका मतलब है ‘आवाज़ करनेवाली छिपकली।’

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