चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का प्रचार कर रही ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट्स’ को बायडेन प्रशासन की खुली छूट – अमरिकी वेबसाईट का दावा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका के शिक्षा संस्थाओं में चीनी हुकूमत का प्रचार कर रहे ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट्स’ को बायडेन प्रशासन ने खुली छूट प्रदान की है। बीते वर्ष ट्रम्प प्रशासन ने ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ को ‘फॉरेन मिशन’ के तौर पर रजिस्ट्रेशन के लिए मज़बूर किया था और अमरिकी शिक्षा संस्थाओं से किए समझौतों की जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश भी दिए थे। नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने यह आदेश बिल्कुल छुपकर पीछे हटाने की जानकारी अमरिकी प्रसार माध्यमों ने सार्वजनिक की है। इस वजह से ‘चीन ही अमरीका का मुख्य प्रतिद्वंद्वि है’, ऐसे दावे कर रहा बायडेन प्रशासन असल में चीन के आगे घुटने टेकता हुआ दिख रहा है।

ccp-bidenअमरीका के अग्रीम ‘न्यूज वेबसाईट’ ‘डेली कॉलर’ ने बायडेन प्रशासन के निर्णय का वृत्त प्रसिद्ध किया है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने अमरीका की शिक्षा संस्थाओं को चीन की ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ के साथ किए समझौतों की जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश दिए थे। इस विषय पर दिसंबर २०२० में अमरीका के ‘होमलैण्ड सिक्युरिटी’ विभाग को सूचना देकर इस पर अमल करने को कहा गया था। ट्रम्प प्रशासन का यह निर्णय बायडेन ने २६ जनवरी के दिन पीछे लिया है, ऐसी जानकारी अमरिकी प्रशासन से संबंधित वेबसाईट पर प्रसिद्ध की गई है। इस निर्णय का कारण अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।

बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष पद का ज़िम्मा स्वीकारने से पहले और स्वीकारने के बाद भी चीन संबंधित अमरीका की नीति कुछ तादाद में पहले के प्रशासन की तरह ही रहेगी, यह दावे किए थे। बीते हफ्ते में विदेश नीति का रुख स्पष्ट करते समय भी उन्होंने चीन को अमरीका का प्रतिद्वंद्वि बताया था। अमरीका के विदेशमंत्री ने भी हाँगकाँग और तैवान के साथ अन्य मुद्दों पर आक्रामक भूमिका बरकरार रखने के संकेत दिए थे। लेकिन, असल में निर्णय करते समय बायडेन प्रशासन अपने बयान और दावों के विरोध में कदम उठाता हुआ ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ से संबंधित किए निर्णय से दिखाई दिया है।

ccp-bidenराष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने विदेश नीति से संबंधित किए बयान में यह आरोप लगाया था कि, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने रशिया के सामने घुटने टेककर नरम नीति अपनाई थी। हम ऐसा नहीं करेंगे और रशिया के विरोध में सख्त भूमिका अपनाएँगे, यह इशारा बायडेन ने दिया था। इसके अनुसार उन्होंने निर्णय करना शुरू करने की बात भी सामने आयी थी। लेकिन, चीन के खिलाफ सख्त निर्णय करने के बजाय कम्युनिस्ट हुकूमत का अमरीका में प्रभाव बढ़ाने के लिए उन्होंने हाथ मिलाया है, यही बात बायडेन ने छुपकर किए इस निर्णय से दिख रही है।

तीन वर्ष पहले अमरीका की गुप्तचर संस्था ‘सीआयए’ ने चीन द्वारा अमरिकी शिक्षा संस्था एवं अन्य उपक्रमों में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश होने की रपट पेश की थी। इसमें चीन ने अमरीका में १०० से अधिक युनिवर्सिटीज्‌ में शुरू किए ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट्स’ का ज़िक्र किया गया था। चीन इस माध्यम से अमरिकी युनिवर्सिटीज्‌ में चीनी संस्कृति के बीज बोने की और साथ ही आर्थिक सहायता के बल पर इन शिक्षा संस्थाओं में वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, यह इशारा भी दिया गया था।

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