ऑस्ट्रेलिया तीन सालों में युद्ध के लिए तैयार रहे – सैन्य विश्लेषकों की चेतावनी

सिडनी – चीन का सैन्य विस्तार, ताइवान विरोधी आक्रामकता, साऊथ चायना सी क्षेत्र में अवैध गतिविधियाँ और दक्षिण पैसिफिक क्षेत्र की गतिविधियों में काफी बढ़ोतरी हुई है। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया को पुरानी सैन्य नीति से अलग होकर तीन साल में युद्ध के लिए तैयार होना पडेगा, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के सैन्य विश्लेषकों ने अपनी सरकार को दी।

कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व रक्षामंत्री स्टिफन स्मिथ और पूर्व वायुसेनाप्रमुख सर एंगस ह्यूस्टन ने ‘स्ट्रैटेजिक डिफेन्स रिव्यू’ नामक सैन्य रपट तैयार की। ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज को अगले साल के मार्च तक रणनीतिक स्तर पर निर्णय करने पडेंगे, ऐसा इशारा इस रपट में दिया गया है। चीन के खतरे को रेखांकित करके ऑस्ट्रेलिया की अब तक की सैन्य नीति में बड़े बदलाव करने पडेंगे, ऐसा इन दोनों अधिकारियों ने इसमें सूचित किया है।

ऑस्ट्रेलिया पहले इतना असुरक्षित कभी नहीं था, पर अब सबसे अधिक असुरक्षित होने का इशारा एंगस ने अपनी रपट में दिया था। ऑस्ट्रेलिया के सैन्य विश्लेषक भी एंगस और स्मिथ की रपट से सहमत हैं। आनेवाले समय के खतरे के मद्देनज़र ऑस्ट्रेलिया को दस साल के बाद नहीं, बल्कि तीन से पांच साल में युद्ध के लिए तैयार होना पडेगा, ऐसा सैन्य विश्लेषक डॉ.एलन डूपाँट ने कहा है। साथ ही ड्रोन्स और सायबर युद्ध की भी तैयारी करें, यह भी डूपाँट ने सूचित किया है।

अब तक अमरीका किसी भी युद्ध का नेतृत्व कर रही थी और ऑस्ट्रेलिया सिर्फ सहायता कर रहा था। लेकिन, अब वे दिन बीत गए। एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में अमरीका को ऑस्ट्रेलिया की सबसे ज्यादा ज़रूरत है और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए, इस बात पर डूपाँट ने ध्यान आकर्षित किया। ऑस्ट्रेलिया अमरीका के लिए प्रशिक्षण, अभ्यास का केंद्र बन सकता है, यह दावा डूपाँट ने किया। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ अमरीका पर निर्भर ना रहकर जापान, दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना चाहिए, ऐसा विश्लेषक जॉन ब्लैक्स लैण्ड ने कहा है।

इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया की अल्बानीज की सरकार चीन के साथ सहयोग सुधारने की कोशिश कर रही है। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सेना अधिकारी और विश्लेषक चीन के बढ़ते खतरे का अपनी सरकार को अहसास करा रहे हैं।

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