ऑस्ट्रेलिया उत्तर कोरिया की धमकियों से नहीं डरता- ऑस्ट्रेलियन विदेश मंत्री ज्यूली बिशप

केनबेरा/सेवूल: ‘अमरिका के कदमों पर कदम रखकर ऑस्ट्रेलिया ने उत्तर कोरिया पर दबाव डालने की कोशिश की तो इसके आगे ऑस्ट्रेलिया पर बड़ा संकट गिरेगा। इस संकट को ऑस्ट्रेलिया रोक नहीं पाएगा’, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया ने दिया था। आशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की ओर से चल रही गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर, उत्तर कोरिया ने यह धमकी दी थी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ‘ज्यूली बिशप’ ने उत्तर कोरिया की धमकी को प्रत्युत्तर दिया है और ऑस्ट्रेलिया अपने मित्र देशों को इसके आगे भी मदद करना जारी रखेगा ऐसी घोषणा की है।

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री बिशप और रक्षा मंत्री ‘मेरी पेन’ ने पिछले हफ्ते में दक्षिण कोरिया का दौरा किया था। उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षणों की वजह से निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर, ऑस्ट्रेलिया के इन मंत्रियों ने दक्षिण कोरिया को अपना पूरा समर्थन घोषित किया है।

उत्तर कोरिया अपना परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल परिक्षण बंद करे, ऐसा आवाहन ऑस्ट्रेलियन विदेश मंत्री ने किया है। साथ ही इस तनाव को कम करने के लिए उत्तर कोरिया सहकार्य नहीं करना चाहता तो अमरिका की भूमिका को ऑस्ट्रेलिया समर्थन देगा, ऐसा भी बिशप ने कहा है।

उत्तर और दक्षिण कोरिया के ‘डिमिलिटराईझ झोन’ (डीएमझेड) को भेट देने के बाद विदेश मंत्री ने यह घोषणा की थी।

ऑस्ट्रेलियन विदेश मंत्री ने ‘डीएमझेड’ को भेट देकर किए इन विधानों पर उत्तर कोरिया की ओरसे तीव्र प्रतिक्रिया आई है। ‘ऑस्ट्रेलिया अमरिका की उत्तर कोरिया विरोधी नीतियों को न अपनाए, ऐसा हमने बार बार कहा था। फिर भी उत्तर कोरिया पर लष्करी, आर्थिक और राजनितिक दबाव बढाने की अमरिका की योजनाओं को ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन देना जारी रखा तो यह ऑस्ट्रेलिया के लिए आत्मघात साबित होगा। सात दशक पहले दोनों कोरियन देशों के बिच भडके संघर्ष में ऑस्ट्रेलिया को जिस तरह के संकटों का सामना करना पड़ा था, उसकी पुनरावृत्ति इस बार भी होगी’, ऐसी धमकी उत्तर कोरियन सरकार के नियंत्रण की ‘केसीएनए’ इस वृत्तसंस्था ने दी है। उसीके साथ ही ऑस्ट्रेलियन विदेश मंत्री ने ‘डीएमझेड’ को दी भेट पर भी टीका की है।

१९५० के दशक में दोनों कोरियन देशों के बिच बड़ा संघर्ष भड़का था। इस संघर्ष में अमरिका, ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी मित्र देशों ने संयुक्त कोरिया की उत्तर में स्थित कम्युनिस्ट राजवट के खिलाफ दक्षिण कोरिया के उदारमतवादी समूहों की मदद की थी। पाँच साल से ज्यादा चले इस संघर्ष में ऑस्ट्रेलिया के १७ हजार सैनिक शामिल हुए थे। इसमें से ३३९ ऑस्ट्रेलियन सैनिक मारे गए थे और १२०० से अधिक जख्मी हुए थे। इसके अलावा ३० से अधिक ऑस्ट्रेलियन सैनिक लापता हुए थे। इसकी उत्तर कोरियन वृत्तसंस्था ने याद दिलाई है।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने उत्तर कोरिया की इन धमकियों का ऑस्ट्रेलिया पर परिणाम नहीं होगा, ऐसा कहा है। ‘उत्तर कोरिया का बर्ताव उकसानेवाला, अवैध और धमकीयुक्त है। फिर भी उत्तर कोरिया ऑस्ट्रेलिया पर किसी भी प्रकार का हमला नहीं कर सकता। इसके पहले भी उत्तर कोरिया ने ऑस्ट्रेलिया पर हमला करने की धमकी दी थी’, ऐसा बिशप ने बोला है। उत्तर कोरिया की इन धमकियों से डरकर ऑस्ट्रेलिया अमरिका के साथ सहकार्य नहीं रोकने वाला, ऐसा बिशप ने स्पष्ट किया है।

ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ उत्तर कोरिया ने अमरिका पर भी टीका की है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प युद्ध के व्यापारी हैं, और उन्होंने शांति का गला घोटा है, इन शब्दों में उत्तर कोरियन वृत्तसंस्था ने गुस्सा जाहिर किया है।

दौरान, उत्तर कोरिया की ओरसे लम्बी दूरी के बैलेस्टिक मिसाइलों के परिक्षण के लिए गतिविधियाँ शुरू करने का दावा किया जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों में अमरिका और दक्षिण कोरिया के बिच लष्करी अभ्यास शुरू होने वाला है और इस युद्धाभ्यास के पहले अथवा दौरान उतर कोरिया यह परिक्षण करेगा, ऐसी सम्भावना जताई जा रही है।

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