ऑस्ट्रेलिया एवं जापान मे रक्षा सहयोग पर एकमत – संयुक्त लष्करी अभ्यास, मुहीम एवं रक्षादल के सहयोग को प्राथमिकता

टोकियो: चीन के आशिया प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते खतरों के बारे में लगातार इशारा देते हुए, ऑस्ट्रेलिया एवं जापान के दौरान रक्षा सहयोग पर एकमत हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल इनके जापान दौरे में इस बारे में संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध किया गया है। इसके अनुसार दोनों देश इस वर्ष से संयुक्त लष्करी युद्धाभ्यास की शुरुआत करने वाले हैं और संयुक्त मुहिम रक्षादल के लिए भेंट और दोनों देशों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयत्न इनका समावेश है। रक्षा सहयोग के साथ आर्थिक संबंध दृढ़ करने पर भी जोर दिया जा रहा है और मार्च महीने के आखिर तक व्यापारी करार पर हस्ताक्षर करने के उद्देश्य सामने रखा गया है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने गुरुवार को जापान को भेत दी है। उसमें उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे इन के साथ जापान में लष्करी तल को भेट दी है। उस समय उन्होंने जापान में मिसाइल भेदी यंत्रणा के साथ अत्याधुनिक सुरक्षा यंत्रणा का ब्यौरा किया है। उसके बाद की है चर्चा में दोनों देशों ने के प्रधानमंत्री ने रक्षा सहयोग पर एकमत होने के बाद घोषित की है।

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ऑस्ट्रेलिया एवं जापान अधिक दृढ़ तथा व्यापक लष्करी सहयोग के लिए मान्यता दे रहे हैं। इसके लिए संयुक्त लष्करी अभ्यास, लष्करी मुहिम, दोनों देशों की क्षमता बढ़ाने के लिए होने वाली गतिविधियां और रक्षा दल के भेट इनका समावेश है, ऐसा संयुक्त निवेदन में स्पष्ट किया गया है।

उस समय जापान के प्रधानमंत्री ऐबे ने मुक्त एवं खुले इंडो पैसिफिक रीजन के लिए प्रयत्न करने की गवाही दी है। अपने सहयोग दोनों को मंजूर होने वाले मूल्यों पर आधारित है। मुक्त एवं खुले इंडो पैसिफिक क्षेत्र के लिए अपना उद्देश्य सामान है, इन शब्दों में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने ऐबे इनके विधान को समर्थन दिया है। उसमें दोनों देशों में लष्कर यंत्रणा के आदान प्रदान के बारे में करार होने की बात कही जा रही है। उसके अनुसार ऑस्ट्रेलिया जापान के रक्षा दल को बुशमास्टर बहुउद्देशीय लष्करी वाहन प्रदान करने वाले हैं।

रक्षा सहयोग के अतिरिक्त, व्यापारी एवं आर्थिक सहयोग पर भी जोर देने के लिए दोनों देशों के प्रयत्न होंगे ऐसा कहा जा रहा है। उसके लिए मार्च महीने से ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप करार पर एकमत तो कर हस्ताक्षर करने के बारे में मंजूरी दी गई है। अमरिका इस करार से बाहर होने के बाद करार आगे ले जाने के लिए इन दोनों देशों की भूमिका महत्वपूर्ण होने की बात टर्नबुल और ऐबे ने उनके मुलाकात में हुई चर्चा में मानी है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जापान की भेंट यह चीन को योग्य संदेश देने का प्रयत्न होने की बात मानी जा रही है। चीन की बढ़ते आक्रमकता के विरोध में अमरिका के पहले से संगठन निर्माण करने के प्रयत्न शुरू हुए हैं और इसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का भी समावेश है।

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