‘एशियन नाटो’ की वजह से क्षेत्र में अस्थिरता फैलेगी – अमरीका और नाटो को चीन की चेतावनी

न्यूयॉर्क – जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैण्ड इन देशों को नाटो बैठक का न्यौता दिया गया है। इसका संज्ञान लेकर चीन ने तीखा बयान दर्ज़ किया। ‘एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में नाटो के प्रवेश को या इस क्षेत्र के देशों को नाटो में शामिल कराके एशियन नाटो का निर्माण करने की गतिविधियों को चीन का कड़ा विरोध रहेगा। ऐसा हुआ, तो क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण हुए बिना नहीं रहेगी’, ऐसी चेतावनी चीन ने दी है।

‘एशियन नाटो'स्पेन के माद्रिद शहर में मंगलवार से नाटो की बैठक शुरू हुई। युक्रेन में शुरू युद्ध की पृष्ठभूमि पर हो रही इस बैठक में नाटो के सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल हुए हैं। इस बैठक के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैण्ड के राष्ट्रप्रमुख को भी न्यौता दिया है। पहली बार ये चारों देश नाटो की बैठक में मौजूद रहने का दावा किया जा रहा है।

युक्रेन युद्ध के साथ ही, झिंजियांग प्रांत में चीन कर रहें हत्याकांड़ का मुद्दा भी इस बैठक में उठाया जाएगा। ऐसें में चीन से ताइवान की सुरक्षा के लिए होनेवाले खतरे में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनज़र, नाटो बड़ा ऐलान करने की उम्मीद है, ऐसा युरोपीय देशों के विश्लेषकों का कहना है। ऐसी स्थिति में नाटो ने जापान, दक्षिण कोरिया इन चीन के पड़ोसी देशों के साथ ही, ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैण्ड इन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को भी आमंत्रित करने से चीन बेचैन हुआ है।

नाटो एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में खयाली शत्रू निर्माण कर रहा है। इसके लिए नाटो इस क्षेत्र के देशों को साथ लाकर स्वतंत्र संगठन का निर्माण करने की तैयारी कर रहा है। नाटो की इस कोशिश को कभी भी सफल नहीं होने देंगे, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त चीन के राजदूत झैंग जून ने दी। इसी बीच, चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ के पूर्व संपाकक और चीन के कम्युनिस्ट हुकूमत के कड़े समर्थक हु शिजीन ने दक्षिण कोरिया को सीधे शब्दों में धमकाया है। ‘दक्षिण कोरिया ने नाटो में शामिल होकर अपने पड़ोसी देश में जाने का मार्ग चुना, तो इसका नतीजा युक्रेन जैसा होगा’, ऐसा हु शिजीन ने कहा है।

‘एशियन नाटो'दक्षिण कोरिया नाटो के सायबर गुट में शामिल होगा, ऐसीं खबरें प्राप्त हो रही हैं। दक्षिण कोरिया का यह कदम चीन विरोधी होने का आरोप चीन के विश्लेषक ही लगा रहे हैं। कुछ दिन पहलें जापान ने भी इस गुट का हिस्सा होने के संकेत दिए थे। इस वजह से चीन अपने एजेंटों का इस्तेमाल करके दक्षिण कोरिया के साथ जापान को भी धमका रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है। चीन की तरह उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट हुकूमत ने, दक्षिण कोरियन नेताओं की मौजुदगी पर आलोचना की। एशियन नाटो के लिए हो रही अमरीका की कोशिश खतरनाक और हमारे खिलाफ बड़ी साज़िश होने का आरोप उत्तर कोरिया ने लगाया हैं।

इसी बीच, पिछले हफ्ते पैसिफिक द्वीप समूह देशों में अपना सैन्य प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहें चीन के खिलाफ अमरीका के साथ पांच देशों ने ‘पार्टनर्स इन द ब्ल्यू पैसिफिक’ (पीबीपी) नामक नए गुट का ऐलान किया था। पैसिफिक द्वीप समूद देशों में जारी चीन की लष्करी गतिविधियों पर जवाब देने के लिए इस गुट का गठन होने का दावा किया जा रहा है। बायडेन प्रशासन ने ऑकस के अलावा पैसिफिक क्षेत्र में चीन के विरोध में बनाया यह तीसरा गुट हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.