भारतीय सेना ने चीन के हमले का बड़े साहस के साथ मुकाबला किया – वरिष्ठ सेना अधिकारी का दावा

नई दिल्ली – ‘लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारतीय सेना ने जिस धैर्य के साथ चीन के हमले का मुकाबला किया, उसका जवाब नहीं है। बीते वर्ष अगस्त में भारतीय सेना ने लद्दाख की ‘एलएसी’ पर कार्रवाई करके अहम पहाड़ियों पर कब्जा किया, यह काफी बड़ी कामयाबी साबित होती है। इस वजह से चीनी सेना के खिलाफ भारतीय सेना को सामरिक बढ़त प्राप्त हुई है’, ऐसा बयान भारतीय सेना के ‘नॉर्दन कमांड’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल वाय.के.जोशी ने किया है। साथ ही सेना की ‘नॉर्दन कमांड’ को एक साथ तीन चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ रहा है, यह बात भी ले.जनरल जोशी ने कही।

गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भी भारत के खिलाफ कार्रवाईयां जारी रखनेवाली चीनी सेना को बीते वर्ष अगस्त में भारतीय सेना ने बड़ा झटका दिया था। २९-३० अगस्त की रात भारतीय सेना ने पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर स्थित मुखपरी, रेचिन ला और मगर नामक अहम पहाड़ियों पर कब्जा किया। इन पहाड़ियों पर भारतीय सैनिकों ने अपने पैर जमाए हैं और वहां से चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नज़र रखना भारतीय सैनिकों के लिए बड़ा आसान है। इसके साथ ही संघर्ष की स्थिति निर्माण होने पर इस क्षेत्र में चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों के हमले के दायरें में होंगे। इस वजह से चीन काफी बेचैन है और भारतीय सेना इन पहाड़ियों से अपनी तैनाती हटाए, यह माँग चीन कर रहा है।

इसी कारण यह भारत के लिए बड़े समर्थन की बात साबित होती हैं। इस वजह से चीन से बातचीत करने में भारत को आसानी हो रही है, यह दावा ले.जनरल वाय.के.जोशी ने किया है। इस क्षेत्र में भारतीय सेना के सामने मात्र एक नहीं बल्कि, तीन चुनौतियां हैं। आतंकवाद को ही राष्ट्रीय नीति बनानेवाले पाकिस्तान की हरकतें इस क्षेत्र के लिए खतरा हैं। ‘एलएसी’ पर चीन की घुसपैठ भी एक बड़ी समस्या है। इसके साथ ही अंदरुनि सुरक्षा की चुनौती भी भारतीय सेना की ‘नॉर्दन कमांड’ के सामने है, इसका अहसास भी ले.जनरल जोशी ने कराया है।

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