लद्दाख के ‘एलएसी’ पर चीन के दुस्साहस को जवाब मिलेगा – भारतीय रक्षा मंत्रालय का इशारा

नई दिल्ली – भारतीय सैनिक बड़े प्रतिकूल मौसम के बावजूद लद्दाख में अपने पैर जमाकर ड़टे हुए हैं और चीन के किसी भी दुस्साहस को प्रत्युत्तर देने के लिए सेना तैयार है, ऐसा बयान करके रक्षा विभाग ने आश्‍वस्त किया है। पूर्वीय लद्दाख के ‘एलएसी’ पर स्थित ‘रेज़ांग ला’, ‘रेचिन ला’ और ‘मुखोसरी’ के करीबी इलाके में चीन ने टैंक की तैनाती करने का वृत्त हाल ही में प्रसिद्ध हुआ था। इस पर गंभीरता से संज्ञान लेकर भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस क्षेत्र में चीन की अपारंपरिक हथियारों की तैनाती के साथ जारी उकसानेवाली हरकतों के कारण तनाव बढ़ रहा है, ऐसा कहा है।

रक्षा विभाग ने अपनी सालाना रपट हाल ही में जारी की है और इसमें चीन की लद्दाख के साथ अन्य इलाकों में हो रही हरकतों पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया है। जून में गलवान वैली में चीन की सेना ने किए हमले की घटना दर्ज़ करते समय इस हमले में भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे, यह जानकारी रक्षा विभाग ने साझा की है। साथ ही यह संघर्ष शुरू करनेवाले चीन को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ा है, ऐसा स्पष्ट ज़िक्र भी रक्षा विभाग की रपट में किया गया है। चीन के सैनिकों ने गलवान में हमला करने के लिए हथियारों के बजाय सलिया और नुकिली तार का इस्तेमाल किया था। यह युद्ध नहीं है, बल्कि दो देशों के सैनिकों के बीच स्थानीय स्तर पर हुई मुठभेड़ थी, ऐसा चित्र चीन इसके ज़रिये खड़ा करने की कोशिश कर रहा था।

लेकिन, इस संघर्ष में भी भारतीय सैनिकों ने चीन को बड़ा झटका दिया। रक्षा मंत्रालय की रपट में इस पर ध्यान दिय गया है। साथ ही वर्ष २०२० के २८-२९ अगस्त के दिन भारतीय सैनिकों ने चालाकी से चीन की घुसपैठ की कोशिश नाकाम की और पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर स्थित पहाड़ियों पर कब्ज़ा किया था। यह बात भी इस रपट मे दर्ज़ की गई है। इसके बाद चीन ने वर्णित क्षेत्र की तैनाती में काफी बढ़ोतरी की और भारत ने भी उसी मात्रा में तैनाती करके चीन को प्रत्युत्तर दिया। भारतीय वायुसेना की इस क्षेत्र की गतिविधियां बढ़ाई गई हैं और इस क्षेत्र में जारी चीन की गतिविधियों पर भी भारतीय वायुसेना नज़र रखे हुए हैं, यह बात भी इस रपट में स्पष्ट की गई है।

लद्दाख के साथ भारत-चीन के अन्य सरहदी क्षेत्रों में निर्माण हुए तनाव के लिए भी चीन ही ज़िम्मेदार होने का ठिकरा भारतीय रक्षा विभाग ने फोड़ा है। पूर्वीय लद्दाख के ‘एलएसी’ पर चीन ने बड़ी संख्या में प्रगत हथियारों की तैनाती की है। इसके साथ ही वर्णित क्षेत्र में प्रगत टैंक तैनात करके चीन अब भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी भी कर रहा है। लेकिन, भारत ने इस क्षेत्र में टैंक विरोधी मिसाइलों की तैनाती करके चीन की मानसिक दबाव नीति पर मुँहतोड़ जवाब दिया है।

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