चीन के साथ युद्ध भड़कने की संभावना बढ़ने के बावजूद बायडेन प्रशासन में अमरीका की जनता को अनजान रखा है – विश्लेषक गॉर्डन चँग का आरोप

वॉशिंग्टन – बायडेन प्रशासन की बेतुकी नीतियों के कारण अमरीका आज रशिया और चीन इन देशों के खिलाफ़ युद्ध की कग़ार पर खड़ी है। बायडेन प्रशासन इस परिस्थिति को हरगिज़ हैंडल नहीं कर सका है, ऐसी आलोचना अमरीका के ज्येष्ठ कूटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने की थी। चिनी वंश के अमरिकी विश्लेषक गॉर्डन चँग ने भी किसिंजर के दावे की पुष्टि की है। आक्रामक बने चीन का अमरीका के साथ युद्ध भड़क सकता है और इसके बावजूद भी बायडेन के प्रशासन ने उसके लिए अमेरिकन जनता को हरगिज़ तैयार नहीं किया है, ऐसी तीखी आलोचना गॉर्डन चँग ने की है।

साल भर पहले, चीन ने ताइवान पर कब्ज़ा किया होने की अफ़वाह चीन ने फैलायी थी। आक्रमण के बाद चन्द कुछ घंटों में ताइवान ने घुटने टेके और ताइवान चीन के कब्ज़े में आया, ऐसे दावे चीन ने ठोके थे। चीन के इस प्रचार के पीछे अफ़गानिस्तान में अमरीका को मिली असफलता थी| जिस तरह अमरीका ने अफ़गानिस्तान से वापसी की, उसे मद्देनज़र करते हुए, अमरीका ताइवान पर कब्ज़ा करने से चीन को रोक ही नहीं सकती। इस कारण ताइवान के मामले में हम मनमानी कर सकते हैं, ऐसा चीन को लग रहा है, इसपर गॉर्डन चँग ने ग़ौर फ़रमाया।

इतना ही नहीं, बल्कि अनरीका तथा पश्चिमी देशों के मोरचे के बीच रहनेवाले तीव्र मतभेदों के मद्देनज़र, यह मोरचा अपने सामने नाक़ाम साबित होगा और ताइवान को बचा नहीं सकेगा, ऐसी धारणा चीन ने बना ली है, ऐसा चँग ने ज़ोर देकर कहा है। पश्चिमी देशों के मोरचे में रहनेवाले मतभेदों के कारण, रशिया के हमले से अमरीका युक्रेन का बचाव नहीं कर सकी; उसी प्रकार ताइवान को भी अमरीका अपने हमले से बचा नहीं सकेगी, ऐसा चीन को लगने लगा है। इससे चीन की मग़रूरी बढ़ती चली जा रही है। ताइवान पर आक्रमण करने के पीछे चीन का यह अनुमान हो सकता है, ऐसा चँग ने कहा।

चीन शायद ताइवान पर पूरी ताकत के साथ आक्रमण नहीं करेगा। यह आक्रमण मर्यादित स्वरूप का भी हो सकता है। इसमें सागरी तथा हवाई क्षेत्र में चीन की बहुत ही घातक लष्करी गतिविधियों का समावेश होगा। इसके विपरित परिणाम सामने आये बग़ैर नहीं रहेंगे। क्योंकि इससे अपेक्षित ना होनेवाली घटनाओं की, ना रोकी जा सकनेवाली शृंखला शुरू होगी, ऐसी चेतावनी गॉर्डन चँग ने दी। ऐसी परिस्थिति में चीन के साथ अमरीका का संघर्ष भड़क सकता है। इसका एहसास अमेरिकन जनता को करा देना यह बायडेन प्रशासन की ज़िम्मेदारी है। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का प्रशासन इसके लिए पहल नहीं करता, ऐसा कहते हुए चँग ने प्रशासन की आलोचना की है।

बायडेन प्रशासन अमेरिकन जनता को इसका एहसास करा नहीं दे रहा है, यह चीन के लिए अनुकूल साबित होनेवाली बात है। क्योंकि अमेरिकन जनता का असावधान रहना ही चीन के हित में है। इससे चीन को अपने एशिया के दाँवपेंचों को अधिक प्रभावी रूप से अंजाम देना संभव होगा। इन दाँवपेंचों में एशिया महाद्वीप में युद्ध का समावेश है, ऐसे ठेंठ शब्दों में गॉर्डन चँग ने चीन के कारनामों के पीछे होनेवालीं योजनाओं का एहसास करा दिया है। जैसे कि चँग दावा कर रहे हैं, उसके अनुसार चीन के सरकारी माध्यमों ने भी, अमरिकी सेना की अफ़गानिस्तान से वापसी की ओर निर्देश करके, चीन के पड़ोसी देशों को धमकाया था। चाहे जो भी हो, अमरीका चीन से तुम लोगों को बचा नहीं सकती, यह सबक अमरीका की अफ़गानिस्तान से सेनावापसी से सीखना चाहिए. ऐसे चीन के माध्यम छोटे पड़ोसी देशों समेत जापान और दक्षिण कोरिया को भी धमका रहे थे। उसी प्रकार, युक्रेन के मुद्दे पर अमरीका को रशिया के सामने जो असफलता मिल रही है उसकी ओर निर्देश करके, चीन-अमरीका सहयोग के गंभीर परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनियाँ अपने पड़ोसी देशों को दे रहा है।

इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि गॉर्डन चँग जिनका दावा कर रहे हैं, उन साज़िशों पर चीन बहुत पहले से काम कर रहा है। उसी समय, बायडेन प्रशासन अभी भी चीन की इन गतिविधियों का आवश्यक मात्रा में संज्ञान नहीं ले रहा है, इस निष्कर्ष की भी, गॉर्डन चँग के इन दावों से अधिक ही पुष्टि हो रही है।

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