बार्सिलोना में हमले का दुनिया भर से तीव्र निषेध

बार्सिलोना:  स्पेन के बार्सिलोना शहर में आतंकवादियों ने किए हमले में १४ लोगों की मौत हुई है और सौ से भी ज्यादा लोग गंभीर जख्मी होने के बाद दुनियाभर से इस हमले का निषेध किया जा रहा है। ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन ने बार्सिलोना पर हुए हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी है। लेकिन इससे पहले के ‘आयएस’ के आतंकवादी हमलों से यह हमला बहुत ही अलग था, ऐसा दावा जानकर करने लगे हैं।

स्पेन का प्रसिद्ध शहर बार्सिलोना और कैम्ब्रिल में आतंकवादियों ने हमला किया। गुरुवार को विदेशी पर्यटकों की भीड़ वाले बार्सिलोना के एक बाजार में एक तेज वैन ने कई लोगों को कुचला। इस हमले में १३ लोगों की जगह पर ही जान गई। इसमें गंभीर जख्मी हुए एक नागरिक की शुक्रवार को इलाज के दौरान मृत्यु हुई। इस हमले में करीब १०० लोग जख्मी होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या ज्यादा है। जख्मियों में ३४ देशों के नागरिकों का समावेश है। जिस में फ़्रांस, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, चीन, अल्जेरिया, व्हेनेजुएला, पेरू, आयरलैंड इन देशों के नागरिकों का समावेश है, ऐसा स्पेन की यंत्रणाओं ने बताया है।

हमला करने के बाद वैन चला रहा आतंकवादी फरार हो गया। उसकी खोज शुरू है और स्पेनिश यंत्रणाओं ने दो संदिग्धों को कब्जे में लिया है। इसमें से एक स्पेन और दूसरा मोरक्कन नागरिक है। इस हमले के आठ घंटों बाद इसी प्रकार का हमला कैम्ब्रिल शहर में भी किया गया। इस हमले में तेज गाडी के नीचे छः लोगों को कुचला गया। यह छः लोग हमले में गंभीर रूप से जख्मी हुए। इसके बाद हमलवारों की गाडी पलट गई। इस गाड़ी से बाहर निकलकर भागने की कोशिश करने वाले आतंकवादियों को स्पेन की पुलिस ने मार गिराया। इन आतंकवादियों ने अपने शरीर पर विस्फोटक बांधे थे। इन आतंकवादियों को आत्मघाती हमला करना था, यही इस बात से स्पष्ट होता है।

बार्सिलोना हमले की जिम्मेदारी ‘आयएस’ ने स्वीकार की है। स्पेन की पुलिस बार्सिलोना और कैम्ब्रिल में हुए दोनों हमलों के पीछे एक ही सूत्र होगा, ऐसा शक कर रही है। अमरीका ने इस हमले के बाद स्पेन को आवश्यक सहायता करने का भरोसा दिया है। साथ ही स्पेन को इस तरह के हमले का इशारा हमारी यंत्रणा ने दिया था, ऐसा भी अमरीका ने कहा।

दौरान, पिछले सालभर में यूरोपीय देशों में वाहनों का इस्तेमाल करके आतंकवादी हमले करने का सत्र शुरू हुआ है। पिछले साल १४ जुलाई को फ़्रांस के नीस शहर में फ़्रांस के राष्ट्रीय दिन का जश्न मनाने वाली भीड़ पर आतंकवादियों ने तेजी से ट्रक चढ़ाया था। जिसमे ८४ लोगों की जान गई थी। उसके बाद बर्लिन में हुए ऐसे ही हमले में १२ लोगों की मौत हुई थी। ब्रिटेन की संसद की इमारत के पास वेस्टमिनिस्टर पुलपर ऐसा ही हमला हुआ था। जिसमे ५ लोगों की मौत हुई और ५० लोग जख्मी हुए थे। स्वीडन के स्टॉकहोल्म, लंडन और पॅरिस में भी ऐसे हमले हुए हैं।

ऐसे हमलों को रोकना यूरोपीय यंत्रणाओं के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। सिरिया और इराक के शरणार्थी लाखों की संख्या में यूरोपीय देशों में दाखिल हो रहे हैं, इसिमे ‘आयएस’ के आतंकवादी भी यूरोपीय देशों में दाखिल हुए हैं। इन आतंकवादियों को पकड़ना यूरोपीय देशों के लिए मुश्किल बन गया था। ऐसे में यह आतंकवादी हमले के लिए अलग अलग विकल्प चुनते हैं, जिससे उनको रोकना और भी मुश्किल बन गया है। दो वर्ष पहले ‘आयएस’ ने एक विडियो द्वारा सन्देश देकर अपने समर्थकों को गाड़ियों का इस्तेमाल करके, उसके नीचे पश्चिमी नागरिकों को कुचल दें, ऐसी चेतावनी दी गई थी। इस वजह से अगली बार ‘आयएस’ के समर्थक ऐसे हमले करके यूरोपीय देशों को हैरान करेंगे, ऐसा डर जताया जा रहा है।

अमरीका के होमलैंड सिक्यूरिटी विभाग के अधिकारी फ्रैन टाउनसैंड ने एक न्यूज़ चैनल को जानकारी देते समय यह हमला ‘आयएस’ के सिरफिरे समर्थक ने किया है, ऐसा नहीं लगता, ऐसा निरिक्षण दर्ज किया है। यह हमला अत्यंत योजनाबद्ध और किसीने सूचना देकर किया है, ऐसा टाउनसैंड ने कहा है।

बार्सिलोना हमले के एक दिन पहले ‘अल कायदा’ के आतंकवादी नेता ने यूरोपीय देशों की रेलों पर आतंकवादी हमले करने का सन्देश अपने समर्थकों को दिया था। यूरोप के रेलवे मार्ग और रेल स्थानक असुरक्षित हैं और उनको आसानी से लक्ष्य बनाया जा सकता है, ऐसा इब्राहीम अल-असीरी ई अल कायदा के नेता ने कहा था।

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