रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन में महंगाई का विक्रमी उछाल – १९८२ के बाद पहली बार महंगाई दर १० प्रतिशत पर

लंदन – रशिया-युक्रेन युद्ध और ईंधन की कीमतों के विक्रमी उछाल की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन में महंगाई दर ने १० प्रतिशत की सीमा लांघ दी है। बुधवार को ब्रिटेन  के ‘ऑफिर ऑफ नैशनल स्टैटिस्टिक्स’ ने, देश का महंगाई निदेशांक १०.१ प्रतिशत तक पहुँचने का ऐलान किया। यह १९८२ के बाद का सर्वोच्चांक साबित हुआ है। विश्व के प्रमुख देशों के ‘जी ७’ गुट में सबसे ज्यादा महंगाई निर्देशांक दर्ज़ करनेवाले देश के तौर पर ब्रिटन का नाम हुआ है। कुछ ही दिन पहलें ब्रिटेन के सेंट्रल बैंक ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ के गवर्नर एन्ड्य्रू बेली ने, युद्ध की आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती हैं, ऐसा कहकर, अगले कुछ महीनों में ब्रिटेन में महंगाई का विक्रमी उछाल होगा, ऐसी चेतावनी दी थी।

रशियन अर्थव्यवस्था को लक्ष्य करके युक्रेन पर हमला करनेवाले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को सबक सिखाने की चेतावनी अमरीका और ब्रिटेन के नेतृत्व ने दी थी। लेकिन, वास्तव में पश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंध ‘बूमरैन्ग’ होकर उन्हीं को नुकसान पहुँचाते हुए देखे जा रहे हैं। रशिया पर प्रतिबंध लगानेवाले अधिकांश प्रमुख देशों में महंगाई का भारी उछाल हुआ है। ब्रिटेन में जुलाई महीने में महंगाई निर्देशांक १०.१ प्रतिशत दर्ज़ हुआ है। जून  महीने में यह दर ९.४ प्रतिशत थी। जुलाई महीने में  हुई यह बढ़ोतरी पिछले चार दशकों का रिकार्ड है। ब्रिटेन में अन्न, धान, फल, ईंधन समेत अधिकांश ज़रूरी सामान की कीमतों का भारी उछाल हुआ है। ब्रिटेन में ईंधन की कीमतें  विक्रमी उछाल पर हैं और इसका असर सभी क्षेत्रों में दिख रहा है।

महंगाई को रोकने के लिए ब्रिटेन के सेंट्रल बैंक ने लगातार ब्याजदर बढ़ाने की नीति अपनाई है। लेकिन, इसे ज़्यादा सफलता प्राप्त नहीं हो रही है, यह प्राप्त आँकड़े बयान कर रहे हैं। अमरीका की ‘सिटीग्रुप’ वित्त संस्था ने यह अनुमान जताया है कि ब्रिटेन की महंगाई दर १५ प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इसके अलावा ब्रिटीश जनता को एक ही समय पर, ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस’ और मंदी का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी विश्लेषक एवं आर्थिक विशेषज्ञों ने पहले ही दी थी। ब्रिटेन के उद्योगक्षेत्र से नाराज़गी का सूर अलापा जा रहा है और महंगाई को रोकने के लिए कोई भी ठीक से ज़िम्मेदारी उठाता नहीं दिखता, ऐसी आलोचना भी हो रही है।

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