सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन को चुनौती साबित होनेवाले ‘चिप्स ऐक्ट’ को अमरिकी सिनेट की मंजूरी

वॉशिंग्टन – सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वर्चस्व बनाए रखने के लिए चीन की घातक गतिविधियाँ नाकाम करने के लिए अमरीका ने अपनी कोशिश शुरू की है। इसी के हिस्से के तौर पर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में व्यापक निवेश करनेवाले ‘चिप्स ऐक्ट’ को अमरिकी सिनेट ने मंजूरी बहाल की। इसके बाद यह विधेयक प्रतिनिधि सदन भेजा जाएगा, यह जानकारी सूत्र ने साझा की। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए अमरिकी संसद ने विशेष विधेयक पारीत करने का पिछले छह महीनों में यह २रा अवसर है। इससे पहले फरवरी में ‘अमरीका कॉम्पिटस्‌‍ ऐक्ट ऑफ २०२२’ विधेयक को मंजूरी प्रदान की गई थी।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन विश्व का सबसे बड़ा आयातक देश माना जाता है। चीनी उद्योगक्षेत्र बड़ी मात्रा में ताइवान, दक्षिण कोरिया के साथ यूरोपिय देशों पर निर्भर है। यह निर्भरता कम करने के लिए चीन ने पिछले पांच सालों में बड़ा निवेश करके सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन शुरू किया है। लेकिन, इस क्षेत्र की प्रगत तकनीक चीन को प्राप्त नहीं हुई है और इसे पाने के लिए चीन ने अपनी कोशिश शुरू की है। प्रौद्येगिकी क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों में चीन की बढ़ोतरी के मद्देनज़र सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन का वर्चस्व अंतर्राष्ट्रीय समूदाय के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

इस अहसास से पश्चिमी देशों ने चीन की महत्वाकांक्षा को नुकसान पहुँचाने के लिए भारी निवेश एवं अन्य प्रावधानों के संकेत दिए हैं। अमरीका का ‘चिप्स ऐक्ट’ इसी का हिस्सा है। इस विधेयक के माध्यम से अमरीका सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए लगभग ७५ अरब डॉलर्स का प्रावधान करेगी। इसमें से ५२ अरब डॉलर्स की निधि सरकार का अनुदान एवं २४ अरब डॉलर्स ‘सेमीकंडक्टर्स प्लान्ट’ स्थापित करनेवाली कंपनियों को टैक्स में रियायत एवं निवेश के स्वरूप में देने की योजना है।

अमरीका के सिनेट ने ‘चिप्स ऐक्ट’ को पिछले साल ही मंजूरी दी थी। लेकिन प्रतिनिधि सदन ने दर्ज़ की हुई आपत्तियाँ एवं सुधारों की वजह से इसमें काफी बदलाव करना पड़ा। इस विधेयक के लिए संसद की राह आसान करने के लिए इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा स्पष्ट तौर पर शामिल किया गया। विधेयक पारित नहीं किया गया तो अमरीकी अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं हित का नुकसान होगा, इन शब्दों में समर्थक सांसदों ने अपनी भूमिका रखी। राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने भी इस विधेयक का स्वागत किया है।

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में अमरिकी प्रशासन ने चीन के खिलाफ आक्रामक राजनीतिक और व्यापारी संघर्ष शुरू किया है। चिनी कंपनियाँ, उत्पादन और तकनीक को लक्ष्य करनेवाले आक्रामक निर्णय ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान किए गए थे। लेकिन, बायडेन के कार्यकाल में चीन की ओर रुझान के संकेत प्राप्त हुए थे। इस पृष्ठभूमि पर ‘चिप्स ऐक्ट’ की मंजूरी बायडेन की चीन विरोधि भूमिका का दावा मज़बूत करेगी, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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