चाड़ में सोने की खदान में हिंसा से १०० की मौत

जामेना – चाड में सोने की खदान में हिंसा से १०० से अधिक लोग मारे गए हैं और ४० से अधिक घायल हैं। लीबिया की सीमा से जुड़े चाड़ के कुडी बुगूदी क्षेत्र में यह घटना घटी। चाड़ के विपक्ष और मानव अधिकार संगठनों ने इस हत्याकांड़ के लिए चाड़ की सरकार को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। इसी बीच इस संघर्ष की पृष्ठभूमि पर चाड़ की सेना ने वहां की खदानों पर कब्ज़ा किया है और स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही गई है।

चाड़ की राजधानी से ६०० मील की दूरी पर कुड़ी बुगूदी प्रांत में तिबस्टी पर्बत श्रृंखला है। दस साल पहले इस पहाड़ी क्षेत्र में सोने की खदान का पता चला था। इसके बाद चाड़ और पड़ोसी मारिशेनिया, लीबिया देशों की जनता अवैध तरिके से यहां पहुँचने लगी। सोने के खनन के मुद्दे पर चाड़ और इन पड़ोसी देशों के नागरिकों में हमेशा संघर्ष होता रहता है। पिछले हफ्ते मारिशेनिया और लीबिया के नागरिकों के बीच हुए विवाद के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ।

यही संघर्ष बाद में हिंसा में परिवर्तित हुआ और इस दौरान कई लोगों की मौत होने की जानकारी चाड़ के प्रसरणमंत्री आब्देर्मन कोलोम्लाह ने साझा की। इस हमले में कितने लोग मारे गए, इसके आँकड़े आब्देर्मन ने प्रदान नहीं किए। यहां की स्थिति नियंत्रण में होने के बाद सेना ने गोलीबारी की, इस हमले में तकरीबन २०० से अधिक लोगों के मारे जाने का दावा मानव अधिकार संगठन के प्रमुख महम्मत नूर अबेदू ने किया है। इस घटना के बाद विपक्ष और मानव अधिकार संगठनों ने इस हिंसा के लिए चाड़ की सरकार को ज़िम्मेदार ठराया है।

विपक्ष और मानव अधिकार संगठन के सभी आरोप चाड़ के रक्षामंत्री दाऊद याया ब्राहीम ने ठुकराए हैं। इस क्षेत्र में सेना ने गोलीबारी नहीं की और २०० लोगों के मारे जाने की खबर में सच्चाई ना होने का बयान ब्राहीम ने किया।

साल १९६० में चाड़ फ्रान्स से आज़ाद हुआ। इस देश का तिबेस्टी क्षेत्र वांशिक संहार के लिए जाना जाता है। तीन साल पहले कुड़ी बुगूदी प्रांत में इसी कारणवश चाड़ और लीबियन्स के बीच संघर्ष होने से कई लोगों की मौत हुई थी। इस हिंसा के बाद चाड़ की सेना ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा किया है और स्थिति काबू में होने की बात कही गई है।

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