ईरान को रोकने के लिए अमरीका के पास समर्थ लष्करी विकल्प हैं – अमरीका के सेंटकॉम के प्रमुख जनरल मॅक्केन्झी

us-military-options-iran-1वॉशिंग्टन – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के प्रशासन ने हालाँकि ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर चर्चा शुरू की है, फिर भी ईरान के विरोध में लष्करी विकल्प का विचार छोड़ नहीं दिया होने के संकेत अमरीका की सेना दे रही है। ‘ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र निर्माण का कार्यक्रम रोकने के लिए अमरीका के पास बहुत ही समर्थ लष्करी विकल्प उपलब्ध हैं’, ऐसी चेतावनी अमरीका के सेंटकॉम के प्रमुख जनरल फ्रँक मॅक्केन्झी ने दी। कुछ ही दिन पहले अमरीका के अधिकारी ने अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी से बात करते समय, ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमले करने के लिए अमरीका और इस्रायल के लड़ाकू विमान संयुक्त अभ्यास करनेवाले हैं, ऐसी जानकारी दी थी।

us-military-options-iran-2खाड़ी क्षेत्र में अमरीका के ‘सेंट्रल कमांड-सेंटकॉम’ के प्रमुख जनरल फ्रँक मॅक्केन्झी ने, ब्रिटेन के अख़बार के साथ वार्तालाप करते समय ईरान विषयक भूमिका स्पष्ट की। ‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मसला राजनीतिक चर्चाओं से हल करना, यह वियना चर्चा में सहभागी होने के लिए अमरीका का मुख्य हेतु है। राजनीतिक चर्चा का यह मार्ग सबके लिए उचित होकर, ईरान ने भी इसे ध्यान में लेना चाहिए’, इसका एहसास जनरल मॅक्केन्झी ने करा दिया।

उसी समय ईरान अमरीका को कम आंकने की गलती कर रहा है, ऐसी चेतावनी सेंटकॉम के प्रमुख ने दी। ‘इराक, सिरिया स्थित अमरीका के लष्करी स्थानों पर हमले जारी रखकर भी ईरान परमाणु समझौता विषयक चर्चा में भी सहभागी हो सकता है, ऐसा यदि ईरान को लग रहा है, तो ईरान अमरीका को कम आंक रहा है। क्योंकि अगर वैसी ही ज़रूरत निर्माण हुई, तो अमरीका लष्करी कार्रवाई की क्षमता रखती है’, ऐसे ठेंठ शब्दों में जनरल मॅक्केन्झी ने चेतावनी दी।

us-military-options-iran-3उसी के साथ, ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों से खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा को होने वाले खतरे का अमरीका को एहसास है, ऐसा मॅक्केन्झी ने कहा। कुछ हफ्ते पहले इस्रायल, सऊदी अरब, बाहरिन और इजिप्ट इन देशों के लड़ाकू विमानों के साथ इस क्षेत्र में संयुक्त गश्त करके अमरीका ने ईरान को उचित संदेश दिया था, इसकी याद सेंटकॉम के प्रमुख ने करा दी।

वियना में अमरीका और ईरान के बीच परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए चर्चा शुरू होने के बाद खाड़ी क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं। सऊदी अरब के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने ‘गल्फ कोऑपरेशन काऊन्सिल-जीसीसी’ के सदस्य देशों का दौरा शुरू किया है। खाड़ी क्षेत्र में ईरान के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा करने के लिए प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान अरब मित्र देशों के राष्ट्रप्रमुखों से मुलाक़ात कर रहे हैं, ऐसा सऊदी के माध्यमों का कहना है।

वहीं, इस्रायल ने खुलेआम ईरान के विरोध में भूमिका अपनाई है। इस्रायल के नेता अपनी इस भूमिका को स्पष्ट रूप में अमरीका के बायडेन प्रशासन के सामने रख रहे हैं। अमरीका का बायडेन प्रशासन अगर ईरान के साथ परमाणु समझौता करना चाहता है, तो भी वह ईरान पर लगाए प्रतिबंध हरगिज़ ना हटाए, ऐसी मांग इस्रायल के विदेश मंत्री येर लॅपिड ने अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन के साथ हुई बैठक में की।

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