केरल में ‘ज़िका’ का विस्फोट

– 14 संक्रमित सामने आए

– केंद्रीय दल केरल में दाखिल

नई दिल्ली – देश कोरोना के संकट का सामना कर रहा है और इसी बीच केरल में ‘ज़िका’ विषाणु का फैलाव हुआ है। केरल में अब तक इस विषाणु के 14 संक्रमित सामने आए हैं और इनमें एक गर्भवती का समावेश होने से चिंता बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छह सदस्यों का एक दल तुरंत केरल रवाना किया है। यह दल स्थिति का जायज़ा लेकर राज्य सरकार को सहायता प्रदान करेगा।

केरल में ‘ज़िका’ का विस्फोटकोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। देश में अभी भी रोज़ाना कोरोना के 40 हज़ार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, साथ ही तीसरी लहर का खतरा भी व्यक्त किया जा रहा है। इस वजह से स्वास्थ्य यंत्रणाओं पर काफी दबाव है तभी केरल में ‘ज़िका’ विषाणु से संक्रमित सामने आने से चिंता बढ़ी है। देश में फिलहाल कोरोना के सबसे अधिक मामले केरल में ही सामने आ रहे हैं। साथ ही केरल में हररोज 100 से अधिक कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है। इसी स्थिति में राज्य में ‘ज़िका’ के संक्रमित सामने आए हैं। इस विषाणु का फैलाव अधिक ना होने देने की बड़ी चुनौती केरल सरकार के सामने है।

सबसे पहले एक 24 वर्षीय गर्भवती ‘ज़िका’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई थी। इस महिला के बदन पर लाल रंग की फुंसियां   उठी थीं और जोड़ो में दर्द होने के कारण उसे अस्पताल में दाखिल किया गया था। उसके खून के नमूने जाँच के लिए ‘द नैशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ (एनआयवी) में भेजे गए थे। इस जाँच से वर्णित महिला ‘ज़िका’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई। इसके बाद अन्य 13 लोग ‘ज़िका’ से संक्रमित होने की बात ‘एनआयवी’ से प्राप्त रपट से स्पष्ट हुई है, यह जानकारी केरल सरकार ने साझा की।

‘ज़िका’ विषाणु का फैलाव मच्छरों के ज़रिये होता है और इससे संक्रमित मरीजों में ‘न्यूरोलॉजिकल’ समस्याओं का निर्माण होने का खतरा होता है। ‘ज़िका’ से संक्रमित युवक और छोटे बच्चों को इस समस्या का अधिक सामना करना पड़ सकता है। गर्भवती महिलाओं को ‘ज़िका’ का संक्रमण होने पर गर्भ में बच्चे के मगज के विकास पर असर पड़ता है। सामान्य तौर पर डेंग्यू जैसे आसार वाली इस बिमारी का वर्ष 2018 में राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी विस्फोट हुआ था।

इन दोनों राज्यों में डेढ़ सौ से अधिक ‘ज़िका’ के मामले सामने आए थे। लेकिन, ‘ज़िका’ का फैलाव रोकने के लिए तुरंत उपाय करने की वजह से इसका फैलाव रोकने में कामयाबी हासिल हुई थी। इससे पहले वर्ष 2017 में तमिलनाडु और गुजरात में ‘ज़िका’ के कुछ मामले दर्ज़ हुए थे। ‘ज़िका’ संक्रमण के मामले सबसे पहले वर्ष 1947 में अफ्रीका के युगांड़ा में सामने आए थे। इसके बाद अफ्रीका के अन्य देशों में एवं एशियाई देशों में इसका फैलाव हुआ।

वर्ष 2016 में ब्राज़िल में इस बिमारी का बड़ा विस्फोट हुआ था। इसके बाद भारत में पहली बार ‘ज़िका’ के मामलें पाए गए। वर्ष 2016 में ब्राज़िल में ज़िका का फैलाव होने की वजह से कई बच्चों का जन्म मगज का पर्याप्त विकास हुए बगैर ही हुआ था। इस वजह से हज़ारों महिलाओं ने ‘ज़िका’ के ड़र से बच्चों को जन्म ना देने का निर्णय किया था।

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