भारत-अमरीका दलाई लामा का चीन के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं – चीन के सरकारी मुखपत्र का आरोप

बीजिंग – भारत के प्रधानमंत्री ने दलाई लामा को उनके ८६ वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में फोन करके शुभकामनाएं दी थी। उसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भी दलाई लामा के साथ फोन पर चर्चा की। ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने भी दलाई लामा को फोन पर शुभकामनाएं दी। उसके बाद चीन की अनपेक्षित ऐसी प्रतिक्रिया आई है। पहले के जमाने में दलाई लामा को लेकर भारत समेत अमेरिका को भी चेतावनियाँ देनेवाले चीन ने इस समय यह कहा है कि इस मामले को ज़्यादा क़ीमत देने की ज़रूरत नहीं है। चीन का सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने जताया है कि ‘दलाई लामा को महत्व देकर भारत और अमरीका चीन विरोधी साज़िश कर रहे हैं, लेकिन उसका चीन पर असर नहीं होगा’। लेकिन चीन की दृष्टि से कुछ खास क़ीमत ना होनेवाली इस बात पर चीन के सरकारी मुखपत्र ने प्रतिक्रिया दर्ज की, यह बात गौरतलब साबित होती है।

India-US-dalai-lama-768x432प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा को दी यह सभी इच्छाएं यह चीन के लिए संदेश होने के दावे भारतीय माध्यमों ने किए थे। चीन पर तानाशाही जतानेवाली कम्युनिस्ट पार्टी के हाल ही में सौ साल पूरे हुए। उस उपलक्ष्य में भारत के प्रधानमंत्री ने शुभकामनाएँ नहीं दीं थीं। ऐसी परिस्थिति में दलाई लामा को शुभकामनाएँ देकर भारत के प्रधानमंत्री ने चीन को स्पष्ट संकेत दिए, यह बात तिब्बतियों ने दर्ज की और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है। उसके बाद अमरीका के विदेश मंत्री ने दलाई लामा के साथ फोन पर चर्चा की। ‘करूणा, समता और सर्वसामावेशकता का संदेश देनेवाले दलाई लामा, दुनिया भर के कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होते हैं’, इन शब्दों में अमरीका के विदेश मंत्री ने दलाई लामा की प्रशंसा की। तिब्बतियों समेत दुनियाभर के सभी लोगों को समान अधिकार मिलें, इसके लिए आग्रह रखनेवाले दलाई लामा के प्रति मेरे मन में बहुत ही सम्मान की भावना है, ऐसा विदेश मंत्री ब्लिंकन ने आगे कहा।

अमरीका के विदेश मंत्रालय ने भी स्वतंत्र निवेदन जारी करके, दलाई लामा को शुभकामनाएँ देकर उनकी प्रशंसा की है। ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने भी दलाई लामा के साथ चर्चा की। तिब्बत और ताइवान ये चीन के लिए बहुत ही संवेदनशील मुद्दे साबित होते हैं। तिब्बत पर चीन का अवैध कब्ज़ा और तिब्बतियों पर चीन कर रहे अत्याचारों को दलाई लामा समय-समय पर दुनिया के सामने ले आए थे। इस कारण दलाई लामा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलनेवाला महत्व यानी चीन के विरोध में साज़िश होने के आरोप चीन द्वारा किए जाते हैं। खासकर भारत चीन के विरोध में तिब्बत कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसी आलोचना चीन द्वारा कई बार की गई थी।

भारत और अमरीका ने, दलाई लामा को महत्व देकर चीन के विरोध में घटिया दाँवपेंच इस्तेमाल करने का ताना चीन के सरकारी मुखपत्र ने मारा है। ऐसे दाँवपेंचों का चीन पर कुछ भी असर नहीं होगा, चीन ने इसे महत्व देने की जरूरत नहीं है, ऐसा ग्लोबल टाइम्स ने कहा है। वास्तव में, इसकी दखल लेकर चीन के इस सरकारी मुखपत्र ने यह दिखा दिया है कि चीन को यह बात बहुत ही चुभी है। उसी समय, दलाई लामा के संदर्भ में जारी हुईं खबरों की दखल चीन द्वारा ली जाती ही है, यह बात इस दैनिक ने प्रकाशित किए लेख के द्वारा सामने आई है।

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