लद्दाख की एलएसी पर हुई चर्चा के बाद भारत-चीन के लष्करों का संयुक्त निवेदन

नई दिल्ली, दि. २१ (पीटीआय) – १६ घंटों की प्रदीर्घ चर्चा के बाद भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों ने संयुक्त निवेदन जारी किया है। लद्दाख की एलएसी पर पँगॉंग सरोवर क्षेत्र से दोनों देशों के लष्करों ने वापसी की होने के कारण, यहाँ का विवाद सामोपचार से सुलझाना आसान बना, ऐसा दावा इस निवेदन में किया गया है। लद्दाख की एलएसी पर की अन्य समस्याओं का हल निकालने के लिए शांति से क्रमबद्ध उपाययोजनाएँ करने पर दोनों देशों की सहमति हुई, ऐसा इस निवेदन में नमूद किया गया। संपर्क, संवाद एवं स्थिरता और नियंत्रण रखकर सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के नेताओं ने दिखाए मार्ग पर ही आगे चलने का फैसला, दोनों देशों के लष्करी अधिकारियों के बीच हुई इस चर्चा में किया गया, ऐसा इस संयुक्त निवेदन में स्पष्ट किया गया है।

लद्दाख की एलएसी के पँगॉंग सरोवर क्षेत्र से दोनों देशों के लष्करों ने वापसी की है। लेकिन अभी भी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्ज्, गोग्रा तथा डेप्सांग इन उत्तरी क्षेत्रों में दोनों देशों के लष्कर तैनात है। यहाँ से दोनों देशों के लष्करों ने वापसी किए बगैर, एलएसी पर बना तनाव कम होना संभव नहीं है, ऐसा यकीन पूर्व लष्करी अधिकारी दिला रहे हैं। उसके लिए शनिवार से लद्दाख की एलएसी पर भारत और चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों की चर्चा शुरू हुई थी। लगभग १६ घंटे चली यह चर्चा सुस्पष्ट और उत्तम माहौल में संपन्न हुई, ऐसा बताया जाता है। पँगॉंग सरोवर क्षेत्र से हुई सेना वापसी के कारण अगली चर्चा करना और सामोपचार से यहां का विवाद सुलझाना आसान हुआ, ऐसा इस चर्चा में लष्करी अधिकारियों ने मान्य किया। इस संदर्भ में संयुक्त निवेदन जारी किया गया है। उसकी संरचना बहुत ही सावधानी से की गई दिख रही है।

इसके अनुसार शांति से और क्रमबद्ध रूप में लद्दाख की एलएसी पर की अन्य समस्याएँ सुलझाने पर चर्चा की जाएगी, ऐसी घोषणा इस निवेदन में की गई है। इस संयुक्त निवेदन का भारत के सामरिक विश्लेषक तथा पूर्व लष्करी अधिकारियों ने स्वागत किया है। लेकिन अभी भी चीन के विषय में भारत ने सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ऐसा सामरिक विश्‍लेषक और पूर्व लष्करी अधिकारी बता रहे हैं। लद्दाख की एलएसी पर तैनाती रखकर कुछ भी हाथ नहीं लगने वाला, इस बात का एहसास होने के कारण ही चीन इस क्षेत्र से वापसी कर रहा है, ऐसा पूर्व लष्करी अधिकारियों का कहना है।

चीन का लष्कर वापसी करें इसके लिए भारत ने किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया है, इसका यकीन देश के नेता और लष्करी अधिकारी दिला रहे हैं। भारतीय लष्कर के ईस्टर्न कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल वाय. के. जोशी ने हाल ही में कहा था कि लद्दाख की एलएसी पर घुसपैठ करके चीन के हाथ बदनामी के अलावा कुछ भी नहीं लगा। अपनी इस घुसपैठ पर भारत ने दी प्रतिक्रिया चीन को स्तंभित करनेवाली साबित हुई। भारत लष्करी दृष्टि से कितना प्रबल बना है, इसका एहसास भी इस उपलक्ष्य में चीन को हुआ है। उसी समय, चाहे कुछ भी हो, भारत अपने विरोध में आर्थिक स्तर पर फैसला नहीं कर सकेगा, यह चीन का भ्रम भी भारत के राजनीतिक नेतृत्व ने झूठला दिया। इसका परिणाम हुआ और चीन को लद्दाख की एलएसी से वापसी करनी ही पड़ी, ऐसा भारत के राजनयिक बता रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.