सेना प्रमुख द्वारा लद्दाख के रक्षाविषयक तैयारी का जायजा

नई दिल्ली – सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख के एलएसी का दौरा किया| यहॉं के रक्षाविषयक सिद्धता का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख द्वारा यह भेट दी गई ऐसा दावा किया जा रहा है| इस वक्त २९-३० अगस्त के आधी रात को भारतीय सैनिकों द्वारा कब्जा किये गये ‘रेचिन ला’ पहाडी पर जंग के लिए किये गये तैय्यारी का भी जायजा लिया गया| चीन के जवान इस जगह से सिर्फ २०० से ३०० मीटर की दूरी पर तैनात है| यह भेट भारत द्वारा चीन को दिया हुआ संदेस है, ऐसा माध्यमों का कहना है|

रक्षाविषयक तैयारी

सुबह ८.३० बजे सेना प्रमुख ने लद्दाख के लेह में तैनात किए हुए ‘१४ कॉर्प्स’ के अड्डे को भेंट दी| सेना द्वारा स्पष्ट किया गया है कि, लद्दाख के नियंत्रण रेखा पर वास्तविक स्थिती का सीधा अनुभव लेना, यह यात्रा का उद्देश्य था| इस समय जनरल नरवणे ने सैनिकों से प्रत्यक्ष रुप से बातचीत की| आनेवाले समय में भी ऐसे ही जोश में काम करते रहों, ऐसा संदेस सेना प्रमुख ने सैनिकों को दिया है| इस वक्त सेना प्रमुख द्वारा सैनिकों को आवश्यक सुविधाएं देने के लिए चल प्रयासों की भी प्रशंसा की| सैनिकों का मनोबल उच्च स्तर का रहा है, ऐसा ठोंस दावा भी जनरल नरवणे ने किया है|

इसी बीच, २९-३० अगस्त के आधी रात को भारतीय सैनिकों ने ‘रेचिन ला’, ‘मुखपरी’ और  ‘मगर हिल’ जैसे महत्वपूर्ण पहाडियों पर कब्जा किया था| चिनी जवानों के खिलाफ भारतीय सैनिकों ने की यह आकस्मिक कार्रवाई चौका देनेवाली थी| इस वक्त चिनी जवानों ने भारतीय सैनिकों को रोकने की कोशिश भी की थी| पर भारतीय सैनिक बिलकुल पिछे नही हटें| इस वजह से चिनी सेना भी अचरज में पड गयी थी| चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने इस पर गंभीरता से ध्यान देते हुए अपने वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों पर कडी टिपणी की थी| कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने की खबरें भी सामने आयी थी| ऐसा दिखाई देता है कि, इन पहाडियों पर नियंत्रण मिलने की वजह से भारतीय सेना को इस क्षेत्र में स्थित चिनी जवानों की गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो रहा है| विश्‍लेषकों का कहना है की, चीन द्वारा विकसित किए हुए ‘मोल्दो गॅरिसन’ पर भारतीय सेना की अब कडी नजर रहेगी|

जनरल नरवणे ने ‘रेचिन ला’ पर स्थित चौकी को भेंट देते हुए यहॉं की तैय्यारी का ब्योरा लिया| सेना प्रमुख ने तारा के अड्डे का भी दौरा किया है| इस माध्यम से भारत ने चीन को कडी चेतावनी दी है|

इसी बीच, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर हल निकालने के लिए चल रही बातचीत को अभी तक सफलता नही मिली है| विद्यमान तथा भूतपूर्व सैनिकी अधिकारियों ने कहा है की, आनेवाले समय में भी यह तनाव सुलझने के कोई भी आसार नही दिख  रहै है| चीन को भारत के खिलाफ सैनिकी साहस के बारे में सोचना भी नही चाहिए, ऐसा भारत के रक्षा मंत्री तथा विदेश मंत्री ने कडे शब्दों मे कहा है| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चेतावनी दी थी की, चीन अगर ऐसी हरकत करता भी है तो उसे भारत द्वारा करारा जवाब दिया जाएगा|

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