सेना के लिए संपर्क प्रणाली के प्रकल्प को ‘सीसीएस’ की मंजूरी

नई दिल्ली – सेना की युद्ध तैयारी के लिए काफ़ी अहम साबित होनेवाले प्रकल्प को ‘कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्युरिटी’ (सीसीएस) ने मंजूरी दी है। ‘सीसीएस’ ने सेना के लिए सुरक्षित संपर्क प्रणाली का निर्माण करने के प्रकल्प को मंजूरी दी है। इस प्रकल्प के लिए ७,८०० करोड़ रुपयों की लागत होगी। इसके अलावा सेना के लिए १० लाख ग्रेनेड खरीदने की ऑर्डर भी ‘सीसीएस’ ने मंजूर की है।

‘सीसीएस’

सेना के लिए सुरक्षित संपर्क प्रणाली निर्माण करने से संबंधित प्रस्ताव काफ़ी समय से मंजूरी की प्रतिक्षा में था। फिलहाल चीन के साथ बना तनाव और भविष्य की सुरक्षा के नज़रिये से अन्य चुनौतियों का विचार करके ‘सीसीएस’ ने सुरक्षित संपर्क प्रणाली का निर्माण करने के लिए ‘आर्मी स्टैटिक स्विच कम्युनिकेशन नेटवर्क’ (एएससीओएन) प्रकल्प के चौथे चरण को मंजूरी दी है।

इसके तहत सेना के लिए विशेष संपर्क प्रणाली उपलब्ध कराई जाएगी और सरहदी क्षेत्र में खास तौर पर चीन से जुड़े सीमा क्षेत्र में संपर्क मज़बूत होगा। इससे ‘एलएसी’ की मौजूदा स्थिति पर सेना को बारिकी से नज़र रखना भी संभव होगा। सरहदी इलाकों के कुछ दुर्गम क्षेत्रों में संपर्क सुविधा अभी भी अच्छी नहीं है। यह बात संघर्ष के दौरान चुनौति भरी हो सकती है। इस पर विचार करके युद्ध के लिए तैयारी के नज़रिये से संपर्क सुविधा सुधारने के लिए यह प्रकल्प शुरू किया गया है।

इस प्रकल्प के लिए ७,७९६ करोड़ रुपये खर्च होंगे और इस मुद्दे पर गुरूवार के दिन ‘इंडियन टेलिफोन इंडस्ट्रिज्‌ लिमिटेड’ के साथ एक समझौता भी किया गया। इसके अलावा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सेना के लिए १० लाख हैण्ड ग्रेनेड खरीदे जा रहे हैं। इसके लिए ४०९ करोड़ रुपये खर्च होंगे। भारतीय सुरक्षा बल अभी भी दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए पुराने डिज़ाईन के ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे हैं। नए हैण्ड ग्रेनेड इन पुराने ग्रेनेड के स्थान पर दिए जाएंगे। इसके लिए एक निजी कंपनी के साथ समझौता किया गया है।

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