भारतीय सेना का मनोबल ऊंचा है – सेनाप्रमुख जनरल नरवणे

लेह – प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति काफ़ी नाजूक और गंभीर है। लेकिन, भारतीय सेना का मनोबल ऊंचा है और अपने सैनिक किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं, यह भरोसा सेनाप्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने दिया है। तभी, बीते चार महीनों से लद्दाख की सीमा पर बने तनाव के लिए चीन ही ज़िम्मेदार है यह बात कहकर विदेश मंत्रालय ने चीन पर कड़ी आलोचना की है।

भारतीय सेना

चीन के साथ जुड़ी प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर सेनाप्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने अपने म्यानमार दौरे में बदलाव किया और लद्दाख की यात्रा की। इस दौरान जनरल नरवणे ने लद्दाख में तैनात भारतीय सैनिकों से भेंट करके उनसे बातचीत की। इस दौरान जनरल नरवणे ने लद्दाख के पैन्गॉन्ग त्सो एवं नज़दिकी फिंगर क्लिप्स पर मौजूद सेना की तैयारी का जाएज़ा लिया। प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर चीन की हरकतों पर ध्यान दिया जाए तो वहां की सुरक्षा सख़्त करने के लिए आवश्‍यक सभी कदम उठाए जाएंगे। वहां की स्थिति में बदलाव करने की कोई भी कोशिश सफल होने का अवसर नहीं दिया जाएगा, यह बयान भी सेनाप्रमुख ने किया। इसके बाद सेनाप्रमुख ने लद्दाख के ‘फील्ड कमांडर’ से भेंट करके गहराई से चर्चा की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ हुई बातचीत के बाद सेनाप्रमुख जनरल नरवणे लद्दाख और वायुसेनाप्रमुख एअर चिफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया ने शिलौंग स्थित ईस्टर्न कमांड को भेंट देकर वहां की सुरक्षा का जाएज़ा लिया।

भारतीय सेना

सेनाप्रमुख और वायुसेनाप्रमुख के इस दौरे के साथ ही लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक की सीमा पर तैनाती में बढ़ोतरी की गई है। चार महीनों में दो बार भारतीय सैनिकों से परास्त हुआ चीन फिरसे सीमा पर उकसानेवाली हरकत कर सकता है। इस पृष्ठभूमि पर सीमा पर स्थिति में बदलाव करना संभव ना हो, इसी उद्देश्‍य से यह तैनाती करने की जानकारी लष्करी सूत्रों ने साझा की है। सीमा पर बने तनाव के लिए चीन भारत को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है। लेकिन, बीते चार महीनों से सीमा पर बने तनाव के लिए केवल चीन के ज़िम्मेदार होने का आरोप भारत के विदेश मंत्रालय ने किया। बातचीत के माध्यम से सीमा पर बना तनाव कम करने के लिए भारत तैयार है लेकिन, वहां की स्थिति में बदलाव के लिए चीन की जारी गतिविधियां वहां पर तनाव बढ़ा रही हैं, ऐसी आलोचना विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने की।

इसी बीच गलवान वैली और चार दिन पहले पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर के क्षेत्र में हुए संघर्ष में भारतीय सेना के सामने चीनी सैनिक टिक नहीं पाए इससे चीन अधिक बेचैन हुआ है और ताकतवर देश के तौर पर बनी हुई चीन की वैश्विक प्रतिमा को इससे ठेंस पहुंचने का एहसास हो रहा है। इसी वजह से भारत के सामने अपना लष्करी सामर्थ्य साबित करने के लिए चीन बड़ी कोशिशें कर रहा है। इसी कारण चीन ने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के करीब अपने सैनिकों के बजाए ‘मिलिशिया’ की तैनाती करना शुरू कर दिया है। ‘बॉक्सर्स’, ‘क्लब फाईटर्स’ और पर्वतारोहियों के समावेश की पांच टुकड़ियां प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के करीब तैनात की जा रही हैं। भारतीय सेना के ‘स्पेशल फ्रंटिअर फोर्सेस’ को प्रत्युत्तर देने की तैयारी भी चीन ने की है, यह बात कही जा रही है।

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