एक साथ चीन-पाकिस्तान की सीमा पर संघर्ष करने के लिए भारतीय वायुसेना सक्षम – वायुसेना के वरिष्ठ अफ़सर का इशारा

नई दिल्ली – लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रफायल विमानों का उड़ान भरना चीन को कड़ा संदेशा दे रहा है। ‘रफायल’ के साथ ही लड़ाकू ‘सुखोई-३० एमकेआय’ और ‘सी-१३० जे सुपर हर्क्युलिस’ जैसे भारी सामान की यातायात करनेवाले विमानों की बड़ी गतिविधियां ‘एलएसी’ पर दिखाई दे रही हैं। भारतीय सीमा चीन और पाकिस्तान की सीमा पर दिन-रात कामयाब मुहिम चलाने के लिए सक्षम है, ऐसा इशारा वायुसेना के अधिकारी ने दिया है। साथ ही लद्दाख की सीमा पर भारत और चीन की सेना में भिड़त हो रही है तभी हिंद महासागर में भारतीय नौसेना वर्चस्व स्थापित करके चीन की व्यापारी यातायात बंद करवा सकती है, इस ओर भारत के पूर्व नौसेनाप्रमुख अरुण प्रकाश ने ध्यान आकर्षित किया है। चीन की हरकत पर भारत करारा प्रत्युत्तर देगा, इसका अहसास अलग अलग मार्ग से चीन को कराया जा रहा है, यह बात भी इसके साथ सामने आ रही है।

ब्रिगेडियर स्तर की छठे चरण की चर्चा में भारत और चीन ने लद्दाख के ‘एलएसी’ पर बना तनाव अधिक ना बढ़ाने की बात स्वीकार की थी। लेकिन, चीन ने भारत के सामने अपनी सेना पीछे हटाने की शर्त रखकर इस पर अड़े रहने का रवैया अपनाया है। तभी पहले घुसपैठ करनेवाले देश ने यानी चीन ही अपने सैनिकों को पहले पीछे हटाए, इस माँग पर भारत ड़टा हुआ है। इसी बीच चीन अपनी प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पुख्ता कहां से कहां तक है, यह बात एक बार स्पष्ट करे, ऐसी कड़ी भूमिका भी भारत ने अपनाई है। इस पर चीन चर्चा के लिए तैयार नहीं है। प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा तय किए बिना भारत के अधिक से अधिक क्षेत्र पर दावा जताकर उस पर कब्ज़ा करने की नीति पर चीन ने आज तक काम किया था। इसी वजह से भारत की यह माँग चीन को मुश्‍किलों में फंसानेवाली साबित होती है।

लेकिन, सीर्फ लद्दाख ही नहीं बल्कि चीन से जुड़ी पूरी ‘एलएसी’ के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भारत तैयार है और सीमा विवाद का हल निकालने के लिए चीन भी अपनी भूमिका स्पष्ट करे, इसी मुद्दे पर भारत विशेष जोर दे रहा है। इसी कारण सीमा विवाद ची चर्चा के दौरान भारत पर दबाव बनाने की चीन की साज़िश उल्टी पड़ रही है। भारत की सख्त भूमिका सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए मारक साबित होने की बयानबाज़ी चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने की है। साथ ही ‘एलएसी’ के करीबी लद्दाख के क्षेत्र में ‘लाईव फायरिंग’ का युद्धाभ्यास करके चीन ने भारत को भीषण परिणामों की धमकियां देने के लिए ‘ग्लोबल टाईम्स’ का इस्तेमाल भी कर रहा है। इसके अलावा पकिस्तानी सेना और हवाई सेना ने कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा के करीब अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं और पाकिस्तानी सेनाप्रमुख ने अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं, यह समाचार भी प्राप्त हुआ है। भारत को एक ही समय पर दो मोर्चों पर युद्ध करना होगा, ऐसे इशारे चीन और पाकिस्तान दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी तैयारी का कड़ा अहसास दोनों देशों को कराया है।

भारतीय वायुसेना की क्षमता में इतनी मात्रा में बढ़ोतरी हुई है कि, एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान के दोनों मोर्चों पर दिन या रात किसी भी समय मुहिम कामयाब करना संभव होगा। चीन और पाकिस्तान की सीमा से भारतीय हवाई अड्डे काफी करीब हैं। इसकी वजह से ऐसी मुहिम सफल करना भारतीय वायुसेना के लिए आसान होगा, यह बात संबंधित अधिकारी ने कही है। तभी, भारत के पूर्व नौसेनाप्रुख अरुण प्रकाश ने भी चीन को सच्चाई का अहसास दिलानेवाले बयान किए हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में हो रही चीन की व्यापारी यातायात भारत बंद करा सकता है और चीन को घुटने टेकाना संभव होगा, यह दावा पूर्व नौसेनाप्रमुख ने किया। वर्ष १९७१ की बांगलादेश की लड़ाई में भारतीय नौसेना का नेतृत्व करनेवाले अरुण प्रकाश ने दिया यह इशारा चीन को ड़रानेवाला है।

मौजूदा स्थिति में चीन भारत के साथ युद्ध करने के लिए तैयार ना होने की बात ऊपर से दिखाई दे रही है, फिर भी इस देश पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता, इस बात का अहसास भारत को है। साथ ही लद्दाख के संघर्ष में भारत के सामने हमने घुंटने टेके, यह चित्र दिखाई ना दे इस लिए चीन बड़ा संघर्ष कर रहा है। ऐसी स्थिति में चीन की धमकियां और युद्ध के लिए उकसानेवाले इशारों पर उसी भाषा में प्रत्युत्तर देकर भारत चीन के नेतृत्व की घेराबंदी कर रहा है। चीन को किसी भी स्थिति में सहुलियत देने की बड़ी गलती भारत ने नहीं करनी चाहिए, ऐसा निरिक्षकों का कहना है। फिलहाल भारत ऐसे ही आक्रामक गतिविधियां बरकरार रखने पर काम कर रहा है। इसका मुकाबला करते समय चीन की बौखलाहट होती हुई स्पष्टरूप से दिखाई दे रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.