ईरान के विरोध में एक नही हुए तो गोलान के लिए संघर्ष होगा – यूएई के अधिकारी का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘अमरिका के कडे प्रतिबंध और पर्शियन खाडी में की गई सेना की तैनाती की वजह से ईरान अच्छा खासा मुश्किल में फंसा है| लेकिन, सीर्फ दबाव बनाकर ईरान का परमाणु कार्यक्रम के कारण बने विवाद का हल नही निकलेगा| बल्कि, सभी देशों ने ईरान के विरोध में एक होकर यह हल निकालना होगा| नही तो, सीरिया, लेबनान के ईरान और ईरान से जुडे गुट गोलान पहाडियों पर हमलें शुरू करके नया संघर्ष शुरू करेंगे’, यह दावा ‘संयुक्त अरब अमीराती’ (यूएई) के अधिकारी ने किया है| अमरिकी समाचार चैनल से की बातचीत के दौरान ‘यूएई’ के इस अधिकारी ने यह दावा किया|

‘वर्ष २०१५ में पश्‍चिमी देशों ने ईरान के साथ किया परमाणु समझौता गलत नींव पर किया गया था| इस क्षेत्र के देशों को विश्‍वास में लिए बिना ही यह समझौता किया गया और वह सफल होना कभी भी मुमकिन नही था’, इसका एहसास ‘यूएई’ के अधिकारी ने वर्णित समाचार चैनल से की हुई बातचीत के दौरान दिलाया|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने इस समझौते से पीछे हटकर ईरान पर कडे प्रतिबंध लगाए| इसका काफी बडा झटका ईरान के ईंधन, शीपिंग और बैंकिंग क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय व्यवहारों पर हो रहा है| ऐसी स्थिति में अमरिका के इन प्रतिबंधों से निकल ने के लिए ईरान ने संवर्धित युरेनियम की मर्यादा लांघने का ऐलान किया है| इसी बीच होर्मुझ की खाडी से सफर कर रहे ईंधन टैंकर्स पर हमलें भी शुरू हुए है और इन हमलों के लिए ईरान और ईरान से जुडे गुट जिम्मेदार होने के आरोप भी हो रहे है| कुछ दिन पहले ईरान ने अमरिका का ड्रोन भी गिराया था| पर्शियन खाडी में ईरान की यह हरकतें अमरिका और मित्रदेशों के लिए खतरा होने की चेतावनी ‘यूएई’ के अधिकारी ने दी|

‘ईरान की यह हरकतें सीर्फ पर्शियन खाडी तक सीमित नही रहेगी| अमरिका को झटका देने के लिए सीरिया में तैनात ईरान की सेना और ईरान से जुडे गुट या लेबनान में हिजबुल्ला से इस्रायल की गोलान पहाडियों पर हमलें हो सकते है| अघले कुछ वर्षों में गोलान के लिए बडा संघर्ष भी शुरू हो सकता है’, यह संभावना इस अधिकारी ने व्यक्त की| इस संघर्ष या खतरे से बचना है तो सभी देशों को ईरान के विरोध में एक होना जरूरी है, यह निवेदन ‘यूएई’ के इस अधिकारी ने किया|

कुछ सप्ताह पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने गोलान पहाडियां इस्रायल का सार्वभूम क्षेत्र होने का ऐलान किया था| साथ ही इस्रायल की सुरक्षा के लिए अमरिका कटिबद्ध है, यह घोषणा भी उन्होंने की थी| लेकिन, अमरिका के इस ऐलान पर आपत्ति जताकर ईरान, सीरिया और हिजबुल्लाह ने हमलें करके गोलान पहाडियों पर कब्जा करने का ऐलान किया था|

गोलान पर सीरिया का पूरा अधिकार है और सीरियन सेना इस क्षेत्र पर कब्जा करेगी ही, यह घोषणा संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार संगठन में सीरियन राजदूत ने मंगलवार के दिन ही की है| इस दौरान, यूएई के अधिकारी ने गोलान संबंधी किया दावा प्रसिद्ध हुआ है और यह इत्तिफाक गोलान के लिए गंभीर संघर्ष होने के स्पष्ट संकेत दे रहा है|

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