तुर्की को सामरिक भागीदार देशों से ही खतरा – राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की अमरिका और नाटो पर टीका

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अंकारा: सीरिया के कुर्द बागी संगठनों को दी जाने वाली सहायता के मुद्दे को लेकर तुर्की ने फिर एक बार अमरिका और नाटो देशों को लक्ष्य बनाया है। तुर्की जैसा देश स्वयं अमरिका से हथियार खरीद नहीं सकता, लेकिन वही हथियार अमरिका और सहकारी देश आतंकवादी संगठनों को मुफ्त में देते हैं, ऐसा भीषण आरोप तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने किया है।

कुर्द बागियों को अमरिका ने समर्थन दिया तो सीरिया के मनबिज शहर में तैनात अमरिकी सैनिकों पर हमले करते समय आगे पीछे नहीं देखा जाएगा, ऐसी धमकी एर्दोगन ने पिछले महीने दी थी। उसके बाद सीरिया के कुर्द बागियों के नेताओं को बुलाकर उनके साथ चर्चा करने वाले फ़्रांस को भी तुर्की ने कड़े शब्दों में समझाया था। तुर्की कुर्द बागियों को आतंकवादी समझता है। जो कोई भी आतंकवादियों का साथ देगा, वह अपने आप ही हमारे निशाने पर आएँगे, ऐसा तुर्की ने धमकाया था।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन, टीका, रेसेप एर्दोगन, सहकारी देश, आतंकवादी संगठन, आरोप, तुर्की, फ़्रांस

इस पृष्ठभूमि पर एर्दोगन की नई धमकी ध्यान आकर्षित करने वाली है। ‘तुर्की अमरिका की तरफ से हथियार नहीं खरीद सकता है। लेकिन अमरिका और सहकारी देश यही हथियार आतंकवादी संगठनों को मुफ्त में दे रहे हैं। फिर तुर्की को किससे खतरा है? अर्थात तुर्की को उनके सामरिक भागीदार देशों की तरफ से ही खतरा है’, ऐसा टीका एर्दोगन ने की है।

अमरिका ने उत्तर सीरिया के कुर्द संगठनों को पांच हजार ट्रक्स भरकर हथियार दिए हैं, ऐसा दावा भी इस समय एर्दोगन ने किया है। जनवरी महीने में तुर्की ने कुर्द बागियों के खिलाफ आक्रामक लष्करी मुहीम शुरू की थी। इस मुहीम को लेकर तुर्की और अमरिका के बीच जबरदस्त तनाव निर्माण हुआ था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.