सेना की क्षमता बढाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा

नई दिल्ली: भारतीय सेना की दुश्मनों को टक्कर देने की क्षमता बढाने के लिए लगभग ५७ हजार लश्करी और अन्य श्रेणी के अधिकारीयों की आवश्यकता के अनुसार नए सिरे से तैनाती करने का महत्वपूर्ण निर्णय केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लिया है। यह भारतीय सेना के आधुनिकीकरण का एक हिस्सा है, जिसके लिए लेफ्टिनेंट डी. बी. शेकटकर आयोग ने सुझाए हुए ६५ सिफारिशें सरकार ने स्वीकारे हैं। यह भारतीय सेना के लिए हाथ में लिया गया सबसे बड़ा आधुनिकीकरण का कार्यक्रम है, ऐसा कहा जा रहा है।

पाकिस्तान और चीन जैसे पडौसी देशों से भारत की सुरक्षा को मिल रही चुनौतियों की तीव्रता बढ़ रही है। ऐसे समय में भारतीय रक्षा दल के अद्यावतीकरण और आधुनिकीकरण का मुद्दा सामने आया था। इस मामले में सिफारिश सुझाने के लिए सरकार ने निवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डी. बी. शेकटकर की अध्यक्षता के नीचे आयोग स्थापन किया गया था। इस आयोग ने अपनी सिफारिशें कुछ दिनों पहले सरकार को सौंपी थी।

इस आयोग ने सुझाए हुए ९९ सिफारिशों में से ६५ सूचनाएं सरकार ने स्वीकारी हैं। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह घोषणा की गई। इसके अनुसार भारतीय सेना के कई विभाग अब कालबाह्य हो चुके हैं, इस बात को मानकर यह विभाग बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही कुछ विभागों का विलीनीकरण करके, उनका कामकाज और प्रभावी किया जाएगा। साथ ही लगभग ५७ हजार लष्करी अधिकारी और अन्य श्रेणी के अधिकारीयों की आवश्यकता के अनुसार फिरसे तैनाती करने का अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।

इस वजह से बड़े पैमाने पर खर्चा और मनुष्यबल के साथ साथ साधन सामग्री की बचत भी हो सकती है। यह बचा हुआ निधि सेना के लिए सुरक्षा सामग्री की खरीदारी और प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। नए हथियार खरीदने के लिए सेना पर किए जाने वाले खर्चे में से सिर्फ २० प्रतिशत ही निधि उपलब्ध होता है। लेकिन इन सिफारिशों की वजह से हुने वाली बचत से यह निधि ज्यादा पैमाने पर बढेगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।

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