वायुसेना के गगनशक्ति के बाद लष्कर का ‘विजय प्रहार’

नई दिल्ली/जयपुर: भारतीय वायुसेना ने चीन और पाकिस्तान की सीमा पर किए अबतक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास के बाद अब भारतीय सेनाने पाकिस्तान के सीमा पर बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया है। विशेष तौर पर वायुसेना भी इसमें शामिल हुआ है। इस संयुक्त युद्धाभ्यास में २० हजार जवानों के साथ सैकड़ों विमान और टैंक्स शामिल हुए हैं, ऐसी जानकारी लष्कर के द्वारा दी गई है। इस अभ्यास के साथ संयुक्त मुहिम और परमाणु हमले को जवाब देने की क्षमता जाँची जा रही है, ऐसा लष्कर का कहना है।

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लष्कर के विजय प्रहार युद्धाभ्यास पिछले महीने में शुरुआत हुआ था। पर अब यह युद्धाभ्यास तीव्र हुआ है और पाकिस्तान के सीमा के पास सूरतगढ़ में मंगलवार से इस युद्धाभ्यास की व्याप्ति अधिक बढती दिखाई दे रही है। युद्ध समय में संयुक्त मुहिम कार्यान्वित करने की क्षमता की इस द्वारे परखी जा रही है। युद्ध होने पर पश्चिमी सीमा पर कौनसी गतिविधियां करनी होंगी इसकी तैयारी का ब्यौरा लिया जा रहा है। विशेष तौर पर परमाणु युद्ध भड़कने पर उसे किस प्रकार से लड़ा जाएगा, इसका अभ्यास भी किया जा रहा है, ऐसा लष्कर ने कहा है।

लष्कर द्वारा प्रतिवर्ष ऐसे युद्धाभ्यास से युद्ध सज्जता का ब्यौरा लिया जाता है। पर इस वर्ष युद्धाभ्यास अधिक व्यापक और बड़ा होने की बात लष्कर ने कही है। वायु सेना ने हालही में पाकिस्तान के साथ ही चीन सीमा पर युद्धाभ्यास किया था। तथा हिंद महासागर में गगनशक्ति युद्धाभ्यास के अंतर्गत नौदल के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया गया। अब वायुसेना लष्कर के विजय प्रहार युद्धाभ्यास में शामिल हुआ है। वायु सेना के सैकड़ों विमान इसमें शामिल हुए हैं। इसके सिवाय लष्कर के सैकड़ों तोंफ, टैंक्स, रडार यंत्रणा और लष्कर के अन्य आधुनिक शस्त्रास्त्र के परीक्षण भी इस दौरान किए जा रहे हैं।

९ मई के रोज विजय प्रहार का युद्धाभ्यास खत्म होगा और उस समय लष्कर प्रमुख बिपिन रावत उपस्थित रहने वाले हैं।

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