केंद्रीय मंत्रिमंड़ल की बैठक में किया गया ‘नैशनल क्वांटम मिशन’ गठित करने का क्रांतिकारी निर्णय

नई दिल्ली – ‘नैशनल क्वांटम मिशन’ गठित करने का निर्णय केंद्र सरकार ने घोषित किया है। केंद्रीय मंत्रिमंड़ल की बैठक में यह निर्णय किया गया है और इसके लिए छह हज़ार करोड़ रुपयों से अधिक प्रावधान किया गया है। दावा किया जा रहा है कि, ‘क्वांटम’ प्रौद्योगिकी जीवन के लगभग हर एक बात को प्रभावित करेगा। आज तक सिर्फ छह देशों को इस क्षेत्र में थोड़ी बहूत प्रगति करना मुमकिन हुआ है। इस वजह से भारत ने ‘क्वांटम’ प्रौद्योगिकी को लेकर किया निर्णय क्रांतिकारी साबित होगा और यह भारत की ‘क्वांटम छलांग’ साबित होगी, यह दावा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया।

‘नैशनल क्वांटम मिशन’अमरीका, कनाड़ा, फ्रान्स, ऑस्ट्रिया, फिनलैण्ड और चीन इन देशों ने क्वांटम क्षेत्र में अनुसंधान किया है। लेकिन, इनमें से अधिकतम अनुसंधान प्राथमिक अवस्था में है। ऐसी स्थिति में भारत ने क्वांटम प्रौद्योगिकी के संबंधित किया निर्णय क्रांतिकारी साबित होगा। आगे के समय में इससे देश की स्थिति और गति बदल सकेगी। क्यों कि, क्वांटम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल रक्षा से स्वास्थ्य क्षेत्र तक किया जाएगा। इससे सुरक्षित संपर्क व्यवस्था स्थापित करने के साथ वैद्यकीय इलाज़ तक के कई क्षेत्र में मौलिक बदलाव होंगे, यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने साझा की। साथ ही यही प्रौद्योगिकी क्षेत्र आगे के समय में काफी मात्रा में रोजगार निर्माण को गति देगा, यह विश्वास जितेंद्र सिंह ने व्यक्त किया।

भारत आज तक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगत देशों से पीछे रहा है। अन्य देशों ने विकसित किए तकनीक पर भारत ने काम किया। इससे भारत आज तक प्रौद्योगिकी क्षेत्र का ‘फॉलोअर’ रहा था। लेकिन, क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ‘लिड़र’ यानी नेतृत्व करने वाला देश बनेगा, यह दावा केंद्रीय सूचना एवं प्रसरण मंत्री अनुराग ठाकूर ने किया। २०२३-२४ से २०३०-३१ के आठ सालों में क्वांटम प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान करने के लिए करीबन ६,००३.६५ करोड़ रुपयों के प्रावधान का ऐलान भी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकूर ने इस दौरान किया।

क्वांटम क्षेत्र के अनुसंधान पर विभिन्न चरणों में यह राशि खर्च की जाएगी, ऐसा जितेंद्र सिंह ने कहा है। साथ ही क्वांटम प्रौद्योगिकी की भविष्य में होने वाली अहमियत पर गौर करें तो सुरक्षित, तेज़, भरोसेमंद संवाद और संपर्क के लिए यह प्रौद्योगिकी काफी उपयुक्त साबित होगी, ऐसा जितेंद्र सिंह ने कहा। इसके अलावा क्वांटम प्रौद्योगिकी विकसित करनेवाले देश एक-दूसरे के संवाद और संपर्क व्यवस्था में दखलअंदाज़ी नहीं कर सकेंगे, यह दावा भी सिंह ने किया।

नैशनल क्वांटम मिशन छह मंत्रालयों से जुड़ा रहेगा और उनके सहयोग से इसका कार्य किया जाएगा, यह जानकारी सिंह ने साझा की। साथ ही नैशनल क्वांटम मिशन के अध्यक्ष पद का ज़िम्मा मान्यता प्राप्त वैज्ञानिक या प्रौद्योगिकी क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति को दिया जाएगा, यह जानकारी केंद्रीय केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकूर ने साझा की है। 

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