ताइवान की सुरक्षा के लिए पश्चिमी देश चीन को गंभीर परिणामों की धमकी दे – नाटो के पूर्व प्रमुख की अमरीका और यूरोपिय देशों से गुहार

ताइपे –  यूरोपिय देश और नाटो ने ताइवान के मुद्दे पर चीन के विरोध में काफी सौम्य नीति अपनाई है। रशिया ने यूक्रेन पर किए हमले की तरह चीन भी ताइवान पर हमला कर सकता है। इस वजह से रशिया के विषय में की हुई गलती दोहराए बिना जनतंत्र देशों ने ताइवान की सुरक्षा के लिए चीन पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी पहले से रखे। साथ ही चीन विरोधी युद्ध के लिए ताइवान के सैनिकों को सैन्यकी प्रशिक्षण भी प्रदान करें, ऐसी गुहार नाटो के पूर्व प्रमुख आंद्रेस रासमुसेन ने लगाई।

साल २००९-२०१४ के दौरान नाटो के अध्यक्ष रहे रासमुसेन ने ताइवान की यात्रा करके राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन से मुलाकात की। इस दौरान ताइवान को अधिक से अधिक सैन्यकी सहायता प्रदान करने के लिए कोशिश करेंगे, यह आंद्रेस रासमुसेन ने स्पष्ट किया। ताइवान की खाड़ी में उभरे खतरे की ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पर्याप्त ध्यान नहीं दिया, ऐसी आलोचना रासमुसेन ने की। ताइवान हमेशा से ही चीन के हमले के खतरे के साए में रहा हैं और जनतांत्रिक ताइवान की सुरक्षा का ज़िम्मा अन्य जनतांत्रिक देशों ने उठाने की आवश्यकता है।

आनेवाले समय में चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इसकी गूंज वैश्विक स्तर पर सुनाई दे सकती हैं। इस वजह से वैश्विक हितसंबंधों से जुड़े जनतांत्रिक देशों ने यह संघर्ष शुरू ना हो, इसका ध्यान रखे, ऐसा आवाहन भी रासमुसेन ने किया। ताइवान के प्रमुख सैन्यकी मित्रदेश के तौर पर अमरीका भूमिका निभाए, यूरोपिय और नाटो सदस्य देश चीन विरोधी सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी करे। ताइवान पर हमला करने से पहले चीन अपने निर्णय पर फिर से सोच-विचार करने के लिए मज़बूर हो, ऐसे प्रतिबंधों का ड़र चीन में निर्माण होना चाहिये, ऐसा आवाहन रासमुसेन ने किया।

इसी बीच, अमरीका के बुर्के वर्ग के ‘चूंग-हुन’ विध्वंसक ने गुरुवार को ताइवान की खाड़ी से सफर किया। साल २०२३ में अमरीका के विध्वंसक ने ताइवान के करीब लगाई यह पहली गश्त हैं। ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने इस गश्त का निरीक्षण करने की जानकारी भी सामने आ रही है। लेकिन, अमरीका के विध्वंसक की इस गश्त को लेकर चीन ने हमेशा की तरह गुस्सा व्यक्त किया है।

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