अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी के बाद अमरीका पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक घोषित करेगी – अमरिकी विश्‍लेषक माइकल रूबिन

वॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी के बाद अमरीका के लिए पाकिस्तान की अहमियत खत्म हो जाएगी। इस वजह से अगले दिनों में अमरीका पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करेगी, ऐसा अनुमान विश्‍लेषक माइकल रूबिन ने व्यक्त किया है। अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन के पूर्व अधिकारी और मौजूदा अमरिकन इंटरप्राईज़ इन्स्टिट्यूट नामक अभ्यासगुट के विश्‍लेषक रूबिन का यह दावा पाकिस्तान को दहलाने वाला है। पाकिस्तान के कुछ पत्रकार और विश्‍लेषकों ने इससे पहले भी यह इशारा दिया था कि, अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगी।

सेना की वापसी

अमरीका ने बीते वर्ष तालिबान के साथ समझौता करके अफ़गानिस्तान से अपनी सेना को हटाने का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रम्प के बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने भी अफ़गानिस्तान से सेना वापसी का यह निर्णय कायम रखा है। लेकिन, यह सेना वापसी १ मई के बजाय ११ सितंबर तक पूरी होगी, यह ऐलान बायडेन ने किया था। अमरीका जैसी महासत्ता अफ़गानिस्तान से परास्त होकर जा रही है, यह तालिबान की बड़ी जीत है, ऐसा कहकर पाकिस्तान के कुछ चरमपंथियों का समर्थन कर रहे पत्रकार और विश्‍लेषक इस पर संतोष व्यक्त कर रहे थे। साथ ही अमरीका की सेना वापसी के बाद तालिबान कुछ ही हफ्तों में अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करेगा और इसके बाद कश्‍मीर के लिए भारत के खिलाफ भीषण युद्ध शुरू किया जाएगा, ऐसे सपने यह चरमपंथी देख रहे हैं।

लेकिन, अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी के बाद अमरीका के लिए पाकिस्तान की अहमियत खत्म हो जाएगी और इसके घातक परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़ेंगे, ऐसा इशारा माइकल रूबिन ने दिया है। अफ़गानिस्तान में सेना तैनात होते हुए ज़रूरी सामान की सप्लाई के लिए अमरीका को पाकिस्तान की सड़कों की ज़रूरत पड़ती थी। यह ज़रूरत खत्म होने के बाद अमरीका पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित कर सकती है क्योंकि, अफ़गानिस्तान में तालिबान ने भयंकर हरकतें कीं तो लोकमत आज तक तालिबान का समर्थन कर रहे पाकिस्तान के खिलाफ हो जाएगा। अमरिकी लोकप्रतिनिधि भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाएंगे। इसके बाद अमरिकी संसद विदेश मंत्रालय पर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने के लिए दबाव ड़ालेगी, यह दावा रूबिन ने किया।

ऐसा ना हो इसके लिए अमरीका में मौजूद पाकिस्तान की लॉबी कड़ी कोशिश करेगी, लेकिन इसका उपयोग नहीं होगा, यह बयान भी रूबिन ने किया। इसी वजह से पाकिस्तान को अब ईरान, सीरिया, उत्तर कोरिया की कतार में बैठने की तैयारी करनी होगी, ऐसी सलाह माइकल रूबिन ने प्रदान की है। इसी बीच अमरिकी सिनेटर जैक रीड ने दो हफ्ते पहले पाकिस्तान पर कड़े आरोप लगाए थे।

पाकिस्तान में मौजूद सुरक्षित आश्रयस्थानों की वजह से ही अफ़गानिस्तान में तालिबान को अमरीका के विरोध में कामयाबी हासिल हुई। अमरीका ने पाकिस्तान स्थित तालिबान के इन ठिकानों पर हमले नहीं किए हैं, इसी वजह से तालिबान को लाभ प्राप्त हुआ है। क्योंकि, पाकिस्तान इस आतंकवाद विरोधी युद्ध में दोनों ओर से खेल रहा था। ऐसा करके पाकिस्तान ने अमरीका का विश्‍वासघात किया और इसे नजरअंदाज करना अमरीका की सबसे बड़ी गलती थी, ऐसा बयान अमरिकी सिनेटर जैक रीड ने किया था। अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के अध्यक्ष जैक रीड ने लगाए आरोप अमरीका की पाकिस्तान संबंधी नीति आगे के दिनों में सख्त होगी, ऐसे संकेत दे रहे हैं। इसी के साथ अमरीका पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रही है, यह बात भी इससे स्पष्ट हो रही है।

अमरीका को पाकिस्तान में लष्करी अड्डा स्थापित करना है और इस अड्डे पर सेना तैनात करके अफ़गानिस्तान पर नज़र रखने की अमरीका की योजना है, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं। लेकिन, अमरीका को यह अड्डा बनाने का अवसर प्रदान करने पर अफ़गानिस्तान में जारी युद्ध में अमरीका का विश्‍वासघात करके पाकिस्तान ने अब तक जो कुछ हासिल किया है, वह सबकुछ खोने का गंभीर खतरा निर्माण हुआ है। अमरीका को अड्डा बनाने का अवसर देने पर तालिबान के आतंकी पाकिस्तान की ओर शत्रु देश के तौर पर ही देखेंगे। साथ ही चीन और ईरान पाकिस्तान का कड़ा विरोध करेंगे। ऐसे में यदी अमरीका को अड्डा स्थापित करने के लिए अवसर देने से पाकिस्तान इन्कार करता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की स्थिति अधिक बिगड़ेगी। साथ ही रूबिन के दावे के अनुसार अमरीका पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कर सकती है। इसी बात का अहसास अमरीका अलग-अलग तरीकों से पाकिस्तान को दिला रही है।

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