जम्मू-श्रीनगर यातायात की दूरी कम करनेवाला टनेल प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्र को समर्पित

उधमपुर, दि. २: जम्मू और श्रीनगर के बीच की यातायात की दूरी कम करनेवाली चेनानी-नाशरी सुरंग का प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन किया गया| तकरीबन ९.२ किलोमीटर की यह सुरंग १२०० मीटर की ऊँचाई पर बनायी गई है| इसे बनाने के लिए ३७२० करोड रुपये की लागत लगी है| जम्मू-कश्मीर के विकास को इससे गति मिलेगी, ऐसा विश्‍वास इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया| तभी इस परियोजना के कारण अस्वस्थ हुए अलगाववादियों ने प्रदर्शन करते हुए लोगों को ‘बंद’ का आवाहन किया है| लेकिन उसी समय जम्मू-कश्मीर की आम जनता इस परियोजना पर समाधान जता रही है|

इस सुरंग की वजह से जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी तकरीबन ३० किलोमीटर से कम होगी और इसीके साथ ढ़ाई घंटे का समय बचेगा| इस वजह से इंधन की बडी मात्रा में बचत होगी| दिनभर में २७ लाख रुपये और सालाना तकरीबन ९९ करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी, ऐसा दावा राजमार्ग और नौवहन मंत्री नितिन गड़करी ने किया है| इस सुरंग को आतंकवादियों से ख़तरा होने की वजह से इसकी सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं| इसके तहत सुरक्षा के लिए आधुनिक केमेरे बिठाए गए हैं और वाहतुक के नियमनों पर भी सुरक्षा यंत्रणा की कड़ी नजर रहें, ऐसी व्यवस्था यहाँ पर की गई है| यही नहीं, बल्कि किसी भी वजह से यदि इस सुरंग का एक मार्ग बंद होता है, तो दूसरे रास्ते से वाहनों को मोड़ने के इंतजाम किए गए हैं|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से इस सुरंग का उद्घाटन किया गया| इसी समय प्रधानमंत्री ने इस सुरंग से यात्रा की| यह जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए उठाया गया अहम कदम है, ऐसा दावा प्रधानमंत्री ने किया| साथ ही, कश्मीर के युवकों के सामने ‘टुरिझम’ और ‘टेररिझम’ यह दो विकल्प हैं| खून बहाकर किसी का भी अच्छा नहीं हुआ है और होगा भी नहीं| इसीलिए पथराव करने के बजाय युवकों ने विकास का रास्ता अपनाना चाहिए, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री ने उधमपुर की सभा में किया| अलगावादियों ने प्रदर्शन और ‘बंद’ का आवाहन करने के बावजूद इस सुरंग के उद्घाटन के लिए उमड़ी भीड़ ग़ौरतलब है, ऐसा दावा किया जा रहा है| यहाँ के लोगों को विकास चाहिए, ऐसा इस कार्यक्रम को मिल रहे प्रतिसाद से दिखाई दे रहा है, ऐसा दावा मीडिया ने किया है|

अलगावादियों का मध्यवर्ती संगठन रहे ‘हुरियत कॉन्फरन्स’ के नेता सय्यद अली शहा गिलानी, मिरवाईज फारुख व यासिन मलिक इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर की जनता को ‘बंद’ का आवाहन किया था| ‘इस ‘बंद’ से मसला हल नहीं होगा, यह बात हम जानते हैं| लेकिन इस तरह निषेध जताने के अलावा हमारे सामने अन्य कोई रास्ता नहीं है’ ऐसा दावा अलगावादी नेता कर रहे हैं|

जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के साथ जब सेना की मुठभेड़ चल रही थी, तब सेना पर पथराव करनेवालों पर की कार्रवाई के दौरान तीन लोगों की मौत हुई है| इस बात का बखेडा खड़ा करते हुए अलगावादी नेता फिर से पूरे राज्य में आंदोलन छेड़ने की तैयारी में हैं| इसके लिए पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजन्सी ‘आयएसआय’ अलगावादी नेताओं का सहयोग दे रही है और पथराव करने के लिए युवकों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके उक़सा रही है, ऐसा सामने आया है| लेकिन ‘चेनानी-नाशरी’ सुरंग के निर्माण की वजह से पाकिस्तान की मीडिया भी चौंक गई है, ऐसा दिखाई दे रहा है| भारत ने इतनी कठिन परियोजना केवल दो साल में पूरी करके दिखाई है, इसपर ग़ौर फ़रमाकर पाकिस्तानी मीडिया अपनी सरकार की नाकामयाबी पर उंगली रख रही है|

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