वैश्विक अर्थव्यवस्था की जारी गिरावट चिंताजनक – मुद्रा कोष, वर्ल्ड बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों ने ध्यान आकर्षित किया

बीजिंग – वैश्विक अर्थव्यवस्था की हो रही गिरावट आगे कुछ समय तक जारी रहने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। यह बात काफी चिंताजनक हैं, इन शब्दों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने संभावित आर्थिक मंदी को लेकर आगाह किया है। मुद्राकोष के इस बयान का वर्ल्ड बैंक, वैश्विक व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ‘ओईसीडी’ गुट ने भी समर्थन किया हैं। अंतरराष्ट्रीय मत निर्धारण संस्था ‘फिच रेटिंग्ज्‌’ ने भी अपनी नई रपट में साल २०२३ में वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास दर १.४ प्रतिशत तक फिसलेगा, यह अनुमान व्यक्त किया है।

चीन में हाल ही में ‘१ प्लस ६’ दायरे से जुड़ी एक बैठक का आयोजन हुआ। इसमें चीन के वरिष्ठ नेता एवं अधिकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वर्ल्ड बैंक, ओईसीडी, डब्ल्यूटीओ, फायनान्शिअल स्टेबिलिटी बोर्ड और इंटरनैशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन जैसे विश्व की छह प्रमुख आर्थिक संस्थाओं के प्रमुख मौजूद थे। इन सभी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर तीव्र चिंता जताई और चीन की गति की हो रही कमी पर भी ध्यान आकर्षित किया।

कोरोना की महामारी में लगाए प्रतिबंध और अन्य निर्णयों की वजह से चीन में भारी गिरावट हुई है और इसका असर वैश्विक स्तर पर भी दिखाई दे रहा है। चीन के उत्पादन एवं व्यापार को बड़ा नुकसान पहुंचा हैं और इस वजह से वैश्विक सप्लाइ चेन भारी मात्रा में बाधित हुई है। चीन, विश्व में दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था होने से इस देश में बिगड़ती स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटके दे रही है।

वैश्विक वित्तीय संस्थाओं के प्रमुखों ने चीन की फिसलन का ज़िक्र करके आगे के समय में इसमें बदलाव होने की उम्मीद जताई। चीन की हुकूमत इसका सही ढ़ंग से संज्ञान ले, यह आवाहन भी वैश्विक संस्थाओं के प्रमुखों ने किया है। इस मुद्दे पर अधिक विस्तार से अपनी भूमिका रखते हुए मुद्राकोष की प्रमुख किस्तालिना जॉर्जिवा ने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का भविष्य चिंताजनक होने का दावा किया। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से इसी मुद्दे से जुड़े संकेत प्राप्त होने की बात उन्होंने दर्ज़ की। मुद्राकोष ने अपनी रपट में यह अनुमान व्यक्त किया था कि, साल २०२३ में अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का विकास दर २.७ प्रतिशत रहेगा। ऐसे में अब जॉर्जिवा ने यह ड़र जताया है कि, इस विकास दर की अधिक गिराटव होगी।

वर्ल्ड बैंक के प्रमुख डेविड मालपास ने भी यही चिंता जताई है कि, वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही हैं। ऐसे में ‘डब्ल्यूटीओ’ ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सामने अभूतपूर्व चुनौती खड़ी हुई हैं और व्यापार की बढ़ोतरी लगभग ठप होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया।

अमरीका के वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ मोहम्मद अल-एरिअन ने कुछ दिन पहले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था की रचना में बड़ी उथल-पुथल होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं, यह इशारा दिया था। इसी बीच ‘ओईसीडी’ गुट ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुँचेगा, यह अहसास देने वाली रपट पेश की थी।

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