पाकिस्तान में स्थित आश्रयस्थानों की वजह से ही तालिबान को अमरीका के विरोध में कामयाबी हासिल हुई – अमरिकी सिनेटर जैक रिड

वॉशिंग्टन – ‘पाकिस्तान में मौजूद आश्रयस्थानों के कारण ही तालिबान को अमरीका के खिलाफ इतनी कामयाबी हासिल हुई। अफ़गानिस्तान में जारी आतंकवादविरोधी युद्ध में पाकिस्तान तालिबान और अमरीका दोनों तरफ से खेल रहा था’, ऐसी तीखी आलोचना अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के प्रमुख सिनेटर जैक रीड ने की। इसी बीच अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी के बाद पाकिस्तान के तालिबान से सहयोग की वजह से अमरीका और मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण होगा, ऐसा इशारा रीड ने दिया है।

pak-taliban-us

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी का ऐलान करने के बाद इस पर अमरीका की संसद में सभी ओर से विचार किया जा रहा है। अमरिकी संसद की ‘हाउस इंटेलिजन्स कमिटी’ के सामने दिए गए बयान में सीआयए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी के लिए बायडेन प्रशासन ने योजना पेश की। तालिबान के पाकिस्तान से संबंध, पाकिस्तान के कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ की तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के साथ सांठगांठ पर गौर करें तो अमरीका की सेना वापसी के बाद अफ़गानिस्तान में क्या हो सकता है, इस पर कमिटी के सवालों पर सीआयए के प्रमुख ने जवाब दिए। अफ़गानिस्तान के लोकतंत्र, शांति और स्थिरता के लिए अमरीका सहयोग के लिए पाकिस्तान को मज़बूर करेगा, यह बात बर्न्स ने इस दौरान स्पष्ट की।

अफ़गानिस्तान की लोकतंत्र की प्रक्रिया, स्थिरता और शांति में पाकिस्तान का भी हित शामिल है। वरना अफ़गानिस्तान अस्थिर, अशांत रहा तो इसका असर पाकिस्तान पर भी हुए बगैर नहीं रहेगा। इस वजह से अफ़गानिस्तान के लोकतंत्र के लिए सहयोग करने हेतु बायडेन प्रशासन पाकिस्तान को मज़बूर करेगा, यह विश्‍वास बर्न्स ने व्यक्त किया। लेकिन, सीआयए के प्रमुख के दावों का खंड़न करने वाली प्रतिक्रिया अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के प्रमुख सिनेटर जैक रीड ने दर्ज़ की। ‘अफ़गान स्टडी ग्रूप’ नामक अमरिकी संसद के मंजूरी प्राप्त अभ्यासगुट के चौकानेवाले आरोपों का दाखिला देकर जैक रीड ने पाकिस्तान की इज्जत उछाली है।

अमरीका जैसी महसत्ता अफ़गानिस्तान में दो दशकों तक युद्ध करते रहने के बावजूद विजयी नहीं हुई। तालिबान की माँग स्वीकारकर अमरीका को अफ़गानिस्तान से पीछे हटना पड़ रहा है। अमरीका की इस सेना वापसी की ओर तालिबान अपनी जीत के तौर पर देख रही है। ट्रिलियन्स डॉलर्स बरबाद करके और २,४०० अमरिकी सैनिकों को खोकर अमरीका ने अफ़गानिस्तान में वास्तव में क्या हासिल किया, ऐसे सवाल किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर जैक रीड ने अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त कामयाबी का श्रेय पाकिस्तान में स्थित तालिबान के आश्रयस्थानों को जाता है, ऐसा आरोप लगाया। अमरीका ने पाकिस्तान में स्थित इन आश्रयस्थानों पर कार्रवाई ना करने की वजह से ही तालिबान को अफ़गानिस्तान में हमले करने में आसानी हुई। पाकिस्तान तालिबान को अमरीका के विरोध में ज़रूरी गोपनीय जानकारी प्रदान कर रहा था। इसके साथ ही इस जंग में पाकिस्तान अमरीका के साथ ही तालिबान के पक्ष में भी रहकर दोनों तरफ से लड़ रहा था, ऐसा आरोप सिनेटर जैक रीड ने लगाया।

तालिबान के साथ पाकिस्तान का सहयोग अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी के बाद अधिक घातक बनेगा। इससे अमरीका और अमरिकी मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा, इस ओर भी रीड ने ध्यान आकर्षित किया। अब तक अफ़गानिस्तान, इराक और अपनी अंदरुनि समस्याओं की वजह से अमरीका के पहले के प्रशासनों को पाकिस्तान पर ध्यान केंद्रीत करना संभव ही नहीं हुआ। इसी वजह से पाकिस्तान की समस्या गंभीर बनी है, ऐसा इशारा सिनेटर रीड ने दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.