एलॉन मस्क के ‘स्टारलिंक नेटवर्क’ के खिलाफ रशिया द्वारा उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम का इस्तेमाल – अमरिकी अखबार का दावा

वॉशिंग्टन/मास्को – अमरिकी उद्यमी एलॉन मस्क के ‘स्टारलिंक नेटवर्क’ का यूक्रेनी सेना द्वारा इस्तेमाल रोकने के लिए रशिया ने उन्नत ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम’ का इस्तेमाल करने का दावा अमरिकी अखबार ने किया है। रशिया से डोन्बास एवं खेर्सन में ‘स्टारलिंक’ की सेवा खंड़ित करने के लिए ‘टोबोल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम’ का इस्तेमाल करने की बात इस वृत्त में कही गई है। यह यंत्रणा रशिया ने अपने उपग्रह सुरक्षित रखने के लिए विकसित की थी।

अमरीका के ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ नामक अखबार ने इससे संबंधित वृत्त जारी किया है। रशिया ने सात स्थानों पर ‘टोबोल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम’ तैनात की है। इसमें राजधानी मास्को के अलावा यूरोप के कैलिनिनग्राड रक्षा अड्डे का भी समावेश है। इस अड्डे पर स्थित यंत्रणा ने यूक्रेन के स्टारलिंक उपग्रहों का नेटवर्क बाधित करने की गतिविधियां शुरू की हैं। अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं के दाखिले से यह जानकारी साझा की जा रही है, ऐसा वॉशिंग्टन पोस्ट ने कहा है।

पिछले वर्ष फ़रवरी में रशिया ने यूक्रेन पर हमला किया था। इस सैन्य अभियान के दौरान रशियन रक्षाबलों ने यूक्रेन के सैटेलाईट कम्युनिकेशन और इंटरनेट प्रदाती यंत्रणा तबाह की थी। इसकी वजह से यूक्रेनी सेना के पास स्वतंत्र सैटेलाईट संपर्क यंत्रणा उपलब्ध नहीं रही। अमरिकी रक्षा विभाग ने मस्क को निर्देश देकर उनके ‘स्टारलिंक नेटवर्क’ की सेवा यूक्रेनी सेना को मुहैया कराने को कहा था। इसके लिए मस्क ने अब तक करोडों डॉलर्स खर्च किए हैं।

फिलहाल यह सेवा जारी है, फिर भी इस पर रशिया काफी हमले कर रही है। कंपनी द्वारा सेवा प्रदान करने की कोशिश जारी है, फिर भी रशिया के बढ़ते हमलों की वजह से यूक्रेन में स्थित ‘स्टारलिंक नेटवर्क’ जल्द ही नष्ट होगा, ऐसा कंपनी से जुड़े सूत्र कह रहे हैं। स्टारलिंक नेटवर्क बंद हुआ तो यूक्रेन के रक्षाबल की क्षमता पर बड़ा असर पडने की संभावना है। पिछले साल अक्तुबर में खेर्सन और बाखमत में भी यूक्रेनी सेना की संपर्क यंत्रणा पर प्रभाव पडने के दावे सामने आ रहे हैं।

मस्क की ‘स्पेसेक्स’ कंपनी ने लगभग तीन हज़ार छोटे उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं। पृथ्वी की कक्षा में स्थापित इन उपग्रहों में विश्व के कोने-कोने में तेज़ इंटरनेट सेवा प्रदान करने की क्षमता है। ‘स्टारलिंक’ के तहत पृथ्वी की कक्षा में लगभग ४० हज़ार छोटे उपग्रह छोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना मस्क ने बनायी है। इसके लिए समय निर्धारित नहीं है, फिर भी इस पर कार्यवाही शुरू होने की बात मस्क ने कही है।

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