चीन ने पेश किया इस्रायल-पैलेस्टिन के मध्यस्थता का प्रस्ताव – चीन के विदेश मंत्री ने की इस्रायल-पैलेस्टिन के विदेश मंत्रियों से चर्चा

बीजिंग – सौदी अरब और ईरान के बीच मध्यस्थता करके उनकी चर्चा करवाने के बाद अब चीन ने इस्रायल और पैलेस्टिन के बीच शांतिवार्ता करवाने की कोशिश शुरू की है। चीन के विदेश मंत्री क्विन गैन्ग ने इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन और पैलेस्टिन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी से चर्चा करके मध्यस्था का यह प्रस्ताव रखा। लेकिन, इस्रायल और पैलेस्टिन के नेता शांतिवार्ता की चर्चा करने के लिए तैयार न होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। चीन खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए तेज कदम उठा रहा है, यही बात इस प्रस्ताव से सामने आयी है।

दो दिन पहले चीन के विदेश मंत्री क्विन गैन्ग ने इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन और पैलेस्टिन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी से फोन पर स्वतंत्र चर्चा की। पिछले महीने चीन ने सौदी अरब और ईरान के बीच कामयाब मध्यस्थता का दाखिला देकर गैन्ग ने इस्रायली विदेश मंत्री के सामने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा। ‘एक-दूसरे के बीच के विवाद दूर करके चर्चा के ज़रिये मतभेद खत्म करने का अच्छा नमूना सौदी-ईरान ने सामने रखा है। इस्रायल राजनीतिक धैर्य दिखाए और पैलेस्टिन के साथ शांतिवार्ता शुरू करे। मध्यस्थता करने के लिए चीन तैयार है’, ऐसा विदेश मंत्री गैन्ग ने कहा था।

ऐसे में पैलेस्टिन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी के साथ हुई चर्चा में भी चीन के विदेश मंत्री ने यही प्रस्ताव पेश किया। इस्रायल-पैलेस्टिन की मध्यस्थता करने के लिए चीन सक्रीय भूमिका निभाएगा, यह दावा गैन्ग ने किया। इस्रायल-पैलेस्टिन के नेताओं के साथ हुई इस चर्चा का आधाअधुरा ब्यौरा चीन ने दो दिन बाद सार्वजनिक किया। पैलेस्टिन ने चीन के इस प्रस्ताव पर कोई बयान नहीं किया है। लेकिन, इस्रायल के विदेश मंत्रालय ने चीन के शांतिवार्ता के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करते, ऐसे स्पष्ट संकेत दिए हैं।

टेम्पल माउंट क्षेत्र में शांति बनाए रखने को लेकर विदेश मंत्री कोहेन और विदेश मंत्री गैन्ग में चर्चा होने का ऐलान इस्रायली विदेश मंत्रालय ने किया। साथ ही ईरान के परमाणु बम का मुद्दा भी इस दौरान इस्रायली विदेश मंत्री ने उठाया। ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए चीन इस्रायल की सहायता करे, यह आवाहन विदेश मंत्री कोहेन ने करने की जानकारी इस्रायल ने प्रदान की है। लेकिन, पैलेस्टिन के मुद्दे पर एक भी शब्द से प्रतिक्रिया इस्रायली विदेश मंत्रालय नहीं दी। इससे चीन चाहे दावा कर रहा हो, फिर भी इस्रायल इस शांतिवार्ता के लिए तैयार न होने की बात स्पष्ट हो रही है।

इसी बीच, अमरीका का प्रभाव खत्म करके चीन खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है। लेकिन, ताइवान पर ‘वन चायना’ नीति अंतिम होने का बयान करने वाला चीन इस्रायल-पैलेस्टिन के मुद्दे पर ‘टू स्टेट पॉलिसी’ की दोगली नीति अपना रहा है, ऐसी आलोचना इस्रायली माध्यम कर रहे हैं।

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