कोरोना की नई लहर – अगले सौ दिन भारत के लिए अहम

– नीति आयोग के सदस्य डॉ.वी.के.पॉल

नई दिल्ली – विश्‍व के कई देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। भारत के कुछ हिस्सों में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है और अगले १०० दिन अहम होंगे, ऐसा इशारा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वी.के.पॉल ने दिया है। फिलहाल देश में कोरोना की स्थिति काबू में है, लेकिन यह बिगड़ सकती है, इन शब्दों में डॉ.पॉल ने चौकन्ना किया है। शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना के नए मामलों की संख्या अधिक होने से छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। इस दौरान तीसरी लहर को रोकने के लिए राज्यों को प्रतिबंधात्मक कदम तुरंत उठाने की आवश्‍यकता है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार बीते हफ्ते से विश्‍वभर में कोरोना के नए मामलों में १० प्रतिशत और मृतकों की संख्या में ३ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। कोरोना का ‘डेल्टा वेरियंट’ १११ देशों तक फैल चुका है। नेदरलैण्ड में एक हफ्ते के दौरान कोरोना के मामलों में ३०० प्रतिशत और स्पेन में ६४ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। अफ्रीकी देशों में कोरोना संक्रमण में ५० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। म्यांमार, इंडोनेशिया, मलेशिया, बांगलादेश में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, इस ओर डॉ.वी.के.पॉल ने ध्यान आकर्षित किया।

india-corona-new-waveविश्‍व कोरोना की तीसरी लहर के साए में है। भारत के लिए अगले १०० दिन अहम होंगे। इन १०० दिनों में ही तीसरी लहर टकराएगी या नहीं, यह तय होगा, यह बात कोरोना संबंधित ‘नैशनल टास्क फोर्स’ के प्रमुख एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ.पॉल ने रेखांकित की। देश में कोरोना की दूसरी लहर की तीव्रता कम हुई है लेकिन, यह लहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। देश के ७३ जिलों में स्थिति चिंताजनक है। ४७ जिलों में पॉज़िटिव रेट १० प्रतिशत से अधिक है, यह जानकारी डॉ.पॉल ने इस दौरान साझा की।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार के दिन महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओड़िशा के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करके दिशा निर्देश दिए। इन राज्यों में कोरोना के नए मामलों की संख्या अभी भी अधिक है। दूसरी लहर एवं पहली लहर के दौरान भी इन्हीं राज्यों में कोरोना का सबसे अधिक विस्फोट होता देखा गया था। इन्हीं राज्यों में बीते हफ्ते के दौरान देश के कुल ८० प्रतिशत संक्रमित पाए गए थे और इस दौरान देश में कोरोना से हुई मौतों में से ८३ प्रतिशत मौतें इन्हीं राज्यों में हुई हैं। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को तीसरी लहर को ध्यान में रखकर प्रतिबंधात्मक प्रावधान करने के निर्देश भी दिए।

खास तौर पर केरल और महाराष्ट्र की स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी ने अधिक चिंता जताई। जनवरी, फ़रवरी में जिस तरह से इन राज्यों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई थी उसी तरह की बढ़ोतरी अब भी दिखाई दे रही है, इस ओर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कुछ राज्यों ने प्रतिबंध भी नहीं लगाए थे, बल्कि मायक्रो कन्टेन्मेंट ज़ोन एवं अन्य नियमों का सख्ती से पालन करने पर ध्यान देकर इन हिस्सों में कोरोना की लहर को काबू किया गया था। इस वजह से अब भी जिन इलाकों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वहां पर कन्टेन्मेंट ज़ोन बनाने पर ध्यान दें, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

इसके अलावा आयसीयू बेडस्‌ की क्षमता बढ़ाएँ। केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य विषयक बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने के लिए २३ हज़ार करोड़ रुपयों का आपात्कालिन पैकेज प्रदान किया है। इसका इस्तेमाल बुनियादी सुविधाओं के निर्माण करने के लिए करें। केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए ३३२ ऑक्सिजन प्रकल्प मंजूर किए थे। इनमें से अब तक मात्र ५३ प्रकल्प ही कार्यान्वित हुए हैं। इस वजह से राज्यों के मुख्यमंत्री इन प्रकल्पों का काम पूरा करने पर ध्यान दें, ऐसी सूचनाएँ भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान प्रदान की।

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