अमरिकी विदेश मंत्री की आलोचना के बाद चीन के लड़ाकू विमानों ने ताइवान के करीब दोबारा लगाई गश्त

ताइपे – चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी के ३१ लड़ाकू विमान और चार विध्वंसकों ने ताइवान की सीमा के करीब खतरनाक तरीके से गश्त लगाई। इस दौरान पहले से चौकन्ना ताइवान की सेना ने अपने लड़ाकू विमान रवाना करके चीनी विमानों को पीछे हटने के लिए मज़बूर किया। अमरिकी विदेश मंत्री एन्थनी ब्लिंकन जल्द ही चीन का दौरा करेंगे। चीन इससे पहले ताइवान के क्षेत्र की स्थिति बदलने की तैयारी में है, ऐसी आलोचना की थी। इसके बाद ताइवान की दिशा में अपने विमान रवाना करके चीन अब अमरीका को चेतावनी देता दिख रहा है।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार चीन की सेना ने सुबह छह बजे ताइवान की दिशा में लड़ाकू विमान और विध्वंसक भेजे थे। इनमें से १२ लड़ाकू विमानों ने ताइवान की खाड़ी में ‘मिडियन लाईन’ पार करने का आरोप रक्षा मंत्रालय ने लगाया। चीन और ताइवान के अंतरराष्ट्रीय विवाद की पृष्ठभूमि पर हवाई सीमा के रूप में इस मिडियन लाइन को निर्धारित किया गया है। इस हवाई सीमा का सम्मान करना चीन के लिए अनिवार्य है। इसके बावजूद चीन के लड़ाकू विमानों ने पहले भी कई बार इस मिडियन लाइन को पार करके ताइवान की हवाई सुरक्षा को चुनौती दी है।

पिछले साल अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन की आक्रामकता यहां बढ़ी है। इसके बाद अमरिका एवं फ्रान्स और जापान के जनप्रतिनिधियों ने ताइवान का दौरा किया है। इस पर गुस्सा जताकर चीन ने ताइवान की हवाई और समुद्री सीमा के करीब गश्त बढ़ाई है। कुछ दिन पहले चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अपनी सेना को ताइवान विरोधी कार्रवाई के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे।

इसी बीच, कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या, बेरोजगारी, आर्थिक संकट और बिगड़ती हुई सप्लाई चेन की वजह से चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के सामने खड़ी चुनौतियां बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में चीनी जनता का विश्वास पाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ताइवान पर हमला करने की हरकत कर सकते हैं, ऐसी चिंता ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने व्यक्त की है। चीन के लड़ाकू विमान और विध्वंसकों की बढ़ती घुसपैठ यानी प्रत्यक्ष हमला करने से पहले की तैयारी होने का दावा ताइवान के विदेश मंत्री ने किया था।

ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन के उत्तारधिकारी विल्यम लाई भी चीन की विस्तारवादी नीति से विश्व को सावधान कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चीन के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाने की गुहार भी विल्यम लाई ने लगाई है। जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा भी ताइवान की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके लिए जापान के प्रधानमंत्री ने अमरिका से आवाहन किया था। लेकिन, अमरीका का बायडेन प्रशासन ताइवान को हथियारों से मुस्तैद करना अनदेखा कर रहे हैं, ऐसी आलोचना तीव्र हो रही है। अमरीका की इस नरम नीति की वजह से चीन ताइवान पर हमला करेगा, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक दे रहे हैं।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.