नई दिल्ली में ‘क्वाड’ सदस्य देशों की बैठक का आयोजन

नई दिल्ली – ‘जी २०’ की पृष्ठभूमि पर नई दिल्ली में भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन ‘क्वाड’ देशों की बैठक हुई। मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का समर्थन करने पर इस बैठक में सहमति हुई। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ कार्यकारी गुट स्थापित करने का निर्णय भी इस बैठक में लिया गया। लेकिन, ‘क्वाड’ की इस बैठक से चीन को बहुत मीर्च लगी है। चीन ने ‘क्वाड’ की इस बैठक की आलोचना की है।

‘जी २०’ की बैठक में शामिल न हुए जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ‘क्वाड’ बैठक के लिए नई दिल्ली पहुंचे। मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को आगे भी समर्थन देने पर क्वाड की इस बैठक में सहमति हुई। ‘स्वतंत्रता, नियमों का पालन, संप्रभूता और क्षेत्रिय एकात्मता, बल का इस्तेमाल करने की धमकिया दिए बिना समझदारी से विवाद का हल निकालने की कोशिश और इस क्षेत्र की समुद्री एवं हवाई यातायात की आज़ादी’, का क्वाड देश समर्थन करते हैं, यह घोषणा संयुक्त निवेदन में की गई।

इसके अलावा किसी भी तरह से यहां की स्थिति में एकतरफा बदलाव करने की कोशिश का ‘क्वाड’ विरोध करेगा, इसका अहसास भी इस संयुक्त निवेदन में कराया गया है। सीधे ज़िक्र किए बिना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्ववादी हरकतों को इस संयुक्त निवेदन में लक्ष्य किया गया है। इस पर चीन का बयान आया है। चीन ने ‘क्वाड’ की यह बैठक कुछ चुनिंदा देशों तक सीमित है और इससे अन्य देशों को दूर करने की कोशिश की जा रही है, ऐसी आलोचना की। इसके अलावा क्षेत्रिय सहयोग और विकास के लिए यह बैठक घातक होने का दावा भी चीन ने किया है।

‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में किसी भी तरह का अपवाद किए बिना आतंकवाद का सख्त निषेध किया गया। दूसरे देश में आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों को और उनके सहयोगियों को आर्थिक या अन्य किसी भी तरह की सहायता नहीं दी जाएगी, ऐसा कहकर ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों ने इसकी सख्त शब्दों में आलोचना की। मुंबई पर हुए २६/११ के आतंकी हमले में क्वाड सदस्य सभी देशों के नागरिक मारे गए थे, इसकी याद इस बैठक में ताज़ा की गई। साथ ही पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हुए हमले का इस बैठक में ज़िक्र किया गया।

इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वाँग ने मौजूदा समय की समस्याओं पर गौर करके भारत इस क्षेत्र का बड़ा अहम और महान देश होने का बयान किया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का विचार भारत के बिना नहीं किया जा सकता, यह कहकर ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने इस मसले पर भारत का नज़रिया काफी अहम होने की बात स्पष्ट की।

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