अमरीका के पूर्व लष्करी अफसरों ने किया राष्ट्राध्यक्ष बायडेन को लक्ष्य – १२४ अफसरों के हस्ताक्षर का खत किया प्रसिद्ध

बायडेन, लक्ष्य, पूर्व लष्करी अधिकारि, खत, अमरीका, वामपंथी विचारधारावॉशिंग्टन – ज्यो बायडेन को वर्ष २०२० के चुनावों में प्राप्त हुई जीत, बायडेन का मानसिक और शारिरीक स्वास्थ्य, उनकी चीन संबंधि नीति पर अमरीका के एडमिरल और जनरल पद के पूर्व लष्करी अधिकारियों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। ‘फ्लैग ऑफिसर्स फॉर अमरीका’ नामक पूर्व लष्करी अफसरों के संगठन ने वर्तमान में अमरीका के संवैधानिक अधिकारों पर हमले हो रहे हैं यह आरोप लगाकर कई मुद्दों पर सवाल उठाए हैं। लगभग १२४ पूर्व लष्करी अफसरों ने हस्ताक्षर किया हुआ खत माध्यमों में प्रसिद्ध हुआ है और बायडेन प्रशासन ने अपनाई नीति पर इस खत में गंभीर चिंता जताई गई है। अमरीका के इतिहास में इस तरह से इतनी बड़ी संख्या में रक्षाबलों के पूर्व अफसरों ने प्रशासन की नीति की आलोचना नहीं की थी।

रोनाल्ड रीगन से जॉर्ज बुश तक के दौर में काफी अहम पद संभालनेवाले पूर्व अफसरों ने इस खत पर हस्ताक्षर किए हैं। रोनाल्ड रीगन के राष्ट्राध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे रिअर एडमिरल जॉन पॉर्इंडेक्स्टर, जॉर्ज बुश के राष्ट्राध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान लष्करी गुप्तचर विभाग के उपमंत्री रहे लेफ्टनंट जनरल विल्यम बाव्‌किन, ब्रिगेडियर जनरल डोनाल्ड बोल्डक्‌ ने भी इस खत पर हस्ताक्षर किए हैं। अमरिकी रक्षा बलों के पूर्व अफसर इस तरह से राजनीति पर बयान नहीं करते। लेकिन, अमरीका के समक्ष फिलहाल भयंकर संकट खड़ा हुआ है और ऐसे में शांत रहना मुमकिन नहीं है, ऐसा बयान इस खत पर हस्ताक्षर करनेवाले पूर्व मेजर जनरल ज्यो ऑर्बक्ले ने किया है।

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बना खतरा देशवासियों के समक्ष रखना ही इस खत का उद्देश्‍य है, यह जानकारी एक पत्रिका से बातचीत करते समय साझा की गई। ‘अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की मौजूदा मानसिक और शारिरीक स्थिति नजरअंदाज करने योग्य नहीं है। ‘अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्‍यक सभी निर्णय कभी भी करने की क्षमता अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष के पास होनी ही चाहिये’, यह बात इस खत में दर्ज़ की गई है। लेकिन, क्या ऐसा करने की क्षमता राष्ट्राध्यक्ष बायडेन रखते हैं, ऐसी आशंका इस खत में व्यक्त की गई है।

साथ ही राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता रक्षाबलों से ‘न्यूक्लिअर कोड’ की पूछताछ कर रहे हैं। यह बात अमरीका की सुरक्षा के लिए काफी घातक साबित होगी और इसका लाभ अमरीका के शत्रु उठा सकते हैं, इस ओर ध्यान आकर्षित करके इसकी ज़िम्मेदारी पुख्ता किसे दी गई है? यह सवाल भी इस खत में इन पूर्व लष्करी अफसरों ने किया है। जारी किए गए आदेशों का पालन करनेवाली पूरी तरह से सुरक्षित व्यवस्था बनाए रखना काफी आवश्‍यक है, इस बात का अहसास भी इन पूर्व अफसरों ने कराया है।

अमरीका में शुरू हुए वैचारिक स्तर के युद्ध का ज़िक्र करके अमरीका की स्थापना से देशों को अब तक ऐसे द्वंद्व का सामना नहीं करना पड़ा था। समाजवाद और मार्क्सवाद के विरोध में संवैधानिक आज़ादी का पुरस्कार करनेवालों के बीच तीव्र संघर्ष जारी है। ऐसे दौर में अमरीका की संसद और उच्च पदस्थों के आदेश ठुकराकर अमरीका की सीमा खोलने की नीति का पुरस्कार किया जा रहा है। साथ ही ‘बिग-टेक’ कंपनियाँ अभिव्यक्ति आज़ादी की आवाज़ दबाने के निर्णय कर रही हैं, ऐसी आलोचना भी इस खत में की गई है। इसके साथ ही बायडेन प्रशासन की चीन और ईरान संबंधि नीति पर भी संदेह व्यक्त किया गया है। कोरोना की महामारी क्या जनसंख्या नियंत्रित करने की कोशिश का हिस्सा है, ऐसा रूह कांपनेवाला सवाल भी इस खत में किया गया है।

इन पूर्व लष्करी अफसरों ने उपस्थित किए मुद्दों पर बायडेन प्रशासन की काफी पहले से आलोचना होने लगी थी। अति उदारतावाद और ढ़कोसली वामपंथी विचारधारा के प्रभाव वाला बायडेन प्रशासन अमरीका को खतरे में धकेल रहा है, ऐसे इशारे विपक्षी नेताओं ने लगातार दिए थे। अब रक्षाबलों के पूर्व अफसरों ने इसी मुद्दे पर बायडेन प्रशासन को निशाना बनाकर सीधे बायडेन के शारिरीक और मानसिक स्थिति पर ही उठाए सवाल अमरीका की राजनीति में उथल-पुथल करनेवाले साबित हो सकते हैं। इससे बायडेन प्रशासन को बड़ा झटका लग सकता है।

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