प्रदर्शनों को दबाने के लिए ईरान में इंटरनेट, मोबाइल सेवाएं बंद

– ईरान में प्रदर्शनों के १०० दिन पूरे

– ९० प्रदर्शनकारियों को फांसी घोषित

तेहरान – ईरान में हिजाब सख्ति के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों के १०० दिन पूरे हुए हैं। इस अवसर पर राजधानी तेहरान के नरमाक और तेहरानपार्स क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ नारेबाज़ी की है। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी देने के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, ऐसा दावा ब्रिटेन स्थित ईरानी वृत्तसंस्था ने किया। ईरान की सरकार ने कुछ शहरों में इंटरनेट, मोबाईल सेवाएं बंद कर दी हैं। फिर भी प्रदर्शनकारियों पर इसका असर नहीं पडा।

सन २००९ में राष्ट्राध्यक्ष महमूद अहमदी नेजाद की सरकार के खिलाफ ईरान में ‘ग्रीन मूवमेंट’ प्रदर्शन शुरू किए गए थे। इन प्रदर्शनों को ईरान में काफी बड़ा समर्थन प्राप्त हुआ था। इसके बाद ईरान में महिलाओं एवं कामगारों के अधिकारों के मुद्दे पर भी प्रदर्शन हुए थे। यह सभी प्रदर्शन दबाने की सफलता ईरान की सरकार को मिली थी। लेकिन, पिछले तीन महीनों से ज्यादा समय से पूरे ईरान में हो रहे हिजाब सख्ति के खिलाफ प्रदर्शन शांत होने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं।

इस महीने की शुरूआत में ईरान ने हिरासत में लिए प्रदर्शनकारियों को दोषी करार देकर फांसी सुनाने का सिलसिला शुरू किया। ईरान की यंत्रणा ने १८ हज़ार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है और इनमें से ४५ लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई जाने का दावा किया जा रहा है। इनमें से चार को फांसी पर चढ़ाया गया है और जल्द ही अन्य आरोपियों को भी सज़ा मिलेगी, ऐसा ईरान ने धमकाया था। लेकिन, ईरान ने ४५ नहीं बल्कि कम से कम ९० लोगों को फांसी सुनाई है, यह दावा अमरिकी समाचार चैनल ने किया।

इसके ज़रिये ईरान प्रदर्शनकारियों को ड़रा रहा है, यह आरोप पश्चिमी माध्यमों ने किया था। फांसी पर चढाए गए लोगों में से ईरान के जानेमाने अभिनेता हुसेन मोहम्मदी का भी समावेश होने से देश का कलाक्षेत्र इस पर कड़ी आलोचना कर रहा है। ईरान के सिनेमैटोग्राफर के गुट ने वीडियो जारी करके सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शुरू की हुई कार्रवाई की आलोचना की। लेकिन, ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के समर्थक धार्मिक नेताओं ने भी प्रदर्शनकारियों को फांसी देने का समर्थन किया है। साथ ही इन प्रदर्शनकारियों पर अधिक सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की है।

ऐसे में, पिछले हफ्ते ईरान सरकार ने प्रदर्शनकारियों को नई धमकी दी है। इसके आगे सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों को गिरफ्तार करके उन पर गंभीर अपराधिक मामले दाखिल किए जाएंगे, यह इशारा ईरान ने दिया था। इसके बाद ईरान के सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ काफी हद तक कम हुई, लेकिन, इसकी तीव्रता बिल्कुल कम नहीं हुई है। प्रदर्शनकारियों ने बिल्डिंग्ज्‌‍ के बाल्कनी, खिड़की एवं छतों पर चढ़कर सरकार विरोधी नारे लगाए।

अब इन प्रदर्शनों के १०० दिन पूरे हुए हैं और इसकी वजह से प्रदर्शनकारियों ने फिर से सीधे सड़क पर उतरकर ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ नारे लगाए। राजधानी तेहरान के तीन इलाकों में इस तरह के प्रदर्शन होने की खबर सामने आ रही है। वहीं, ईरान के अन्य शहरों में भी ऐसे प्रदर्शनों का आयोजन हुआ था, ऐसा दावा ब्रिटेन स्थित ईरानी वृत्तसंस्था ने किया। ईरान के बाहर यूरोपिय देशों में भी इन प्रदर्शनों को समर्थन प्राप्त हो रहा है।

इसी बीच, ईरान की सरकार विरोधी प्रदर्शन सन २०२३ में भी जारी रहेंगे, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक दे रहे हैं। इसके उल्टा अगले साल ईरान की सरकार को झटका देने वाले प्रदर्शन अधिक तीव्र होंगे, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना है।

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