विदेशमंत्री भुट्टो के विवादित बयान की वजह से पाकिस्तान के नेता की भारत यात्रा रद्द

इस्लामाबाद – पाकिस्तान सरकार का हिस्सा ‘जमायत उलेमा-ए-इस्लाम’ के प्रमुख मौलाना फज़लूर रेहमान एक कार्यक्रम के लिए भारत आने वाले थे। लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के प्रधानमंत्री के बारे में किए अनुद्गार की वजह से रेहमान की यह यात्रा रद्द की गई है। अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर होने के कारण पाकिस्तान को भारत के सहयोग की बड़ी ज़रूरत है, इसके बिना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संभल ही नहीं सकती, ऐसा विश्लेषक और पत्रकार कह रहे हैं। ऐसी स्थिति में बिलावल भुट्टो ने बचकाना बयान करके भारत के साथ सहयोग की संभावना को मिटा दिया, ऐसा अफसोस विश्लेषक एवं पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में आयोजित एक समारोह में शामिल होने के लिए मौलाना फज़लूर रेहमान चार दिन की भारत यात्रा की तैयारी में थे। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर होते हुए भारत के साथ चर्चा शुरू करके हमारा देश स्थिरता की ओर कदम बढ़ा रहा है, यह संदेश देने की कोशिश पाकिस्तान के कुछ नेताओं की है। भारत का द्वेष करने के लिए जानी जा रही पाकिस्तान की सेना ने भी बेबसी में इसी दिशा में गतिविधियां शुरू करने के संकेत दिए थे। लेकिन, राजनीतिक नेता अपने स्वार्थ के लिए यह कोशिश नाकाम कर रहे हैं, ऐसी आलोचना इस देश के कूटनीकिज्ञ एवं विश्लेषक कर रहे हैं। बिलावल भुट्टो द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना इसी अनुचित नीति का हिस्सा है, ऐसा आरोप इन कूटनीतिकज्ञों एवं विश्लेषकों ने लगाया है।

पिछले कुछ महीनों से भारत ने पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान शुरू किया है। इसे राजनीतिक भाषा में प्रत्युत्तर देने में अपना विदेश मंत्रालय नाकाम हुआ है और पूरे विश्व में पाकिस्तान की आतंकी देश की छबि तैयार करने में भारत को कामयाबी मिल रही है, यह दावा पाकिस्तान के माध्यम कर रहे हैं। इसके लिए विधायक राजनीतिक कोशिश करने के बजाय पाकिस्तान के नेता भारत के नेतृत्व के अनुचित बयानों के ज़रिये आलोचना करके पाकिस्तानी जनता में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने की बेताल कोशिश कर रहे हैं। इससे भारत का कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन, पाकिस्तान का निश्चितरूप से नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के माध्यम देने लगे हैं। यह चेतावनी देनेवालों में भारत को लगातार लक्ष्य करने वाले पाकिस्तानी समाचार चैनलों का भी समवेश है, यह बात ध्यान आकर्षित करती है।

पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा बंड़ार में सात अरब डॉलर्स से कम राशि बची है और यह राशि भी पाकिस्तान ने दूसरे देश से कर्ज के रूप में प्राप्त की है। इसकी वजह से प्रत्यक्ष में पाकिस्तान की टिज़ोरी में अब कुछ भी नहीं बचा है। चीन ने भी पाकिस्तान से मूंह मोड लिया है और खाड़ी के मित्रदेश भी पाकिस्तान को इस बार सहायता देने के लिए उत्सुक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से पाकिस्तान को बड़े ऋणसहायता की उम्मीद थी। लेकिन, इसके लिए मुद्राकोष ने पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्ते रखी हैं। इस संकट से पाकिस्तान का बचाव भारत का सहयोग ही कर सकता है, इसके लिए पाकिस्तान को पहले से ही कोशिश करनी चाहिये थी। लेकिन, यह करने के बजाय अपने देश के नेता संकुचित राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत की आलोचना करके अपने देश की समस्या अधिक बढ़ा रहे है, ऐसा आरोप इस देश का बुद्धिमान वर्ग भी करने लगा है।

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