संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में भारतीय विदेशमंत्री ने की आतंकी पाकिस्तान पर कड़ी आलोचना

नई दिल्ली – ‘अफ़गानिस्तान एवं भारत के खिलाफ ‘लश्‍कर ए तोयबा’, ‘जैश ए मोहम्मद’ जैसे आतंकी संगठन बेझिझक कार्रवाईयां कर रही हैं। ऐसे संगठनों की सहायता करके उन्हें बढ़ावा देनेवाले देशों के हाथ खून से रंगे हुए हैं। ऐसे देशों का पर्दाफाश करते समय हमें ड़रना नहीं चाहिये’, यह बयान विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद को संबोधित करते समय विदेशमंत्री जयशंकर ने सीधे नाम लिए बिना ही पाकिस्तान पर जोरदार प्रहार किया। अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त हुई सफलता के पीछे पाकिस्तान होने की चर्चा विश्‍वभर में हो रही है। ऐसी स्थिति में भारत के विदेशमंत्री ने ऐसी आलोचना करना पाकिस्तान के लिए महंगा साबित हो सकता है।

भारतीय विदेशमंत्रीसंयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक में अध्यक्ष के तौर पर विदेशमंत्री जयसंकर ने संबोधित किया। आतंकवाद कोरोना की महामारी से कम खतरनाक नहीं है। जब तक कोरोना का एक भी संक्रमित मौजूद है, तब तक हम सबके लिए बना खतरा कायम है, ऐसा समझा जाता है। आतंकवाद के बारे में भी ऐसा ही कहा जा सकता है। आतंकवाद से हरएक व्यक्ति सुरक्षित हुए बगैर कोई भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता, ऐसी फटकार भी जयशंकर ने इस दौरान लगाई। भारत के पड़ोसी देश में ‘आयएसआयएल-के’ यानी खोरासान नामक आतंकी संगठना योजना बनाकर विस्तार कर रही हैं, इस ओर भी विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के दौरान भारत ने पहली बार आतंकवाद का मुद्दा उठाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह इशारा दिया। ‘लश्‍कर’ एवं ‘जैश’ पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन भारत और अफ़गानिस्तान के खिलाफ खुलेआम कार्रवाईयाँ कर रहे हैं। इसके लिए पाकिस्तान का पूरा सहयोग मिल रहा है, यह बात भारतीय विदेशमंत्री ने सुरक्षा परिषद की बैठक में सीधे ज़िक्र किए बगैर स्पष्ट की। साथ ही इन आतंकी संगठनों की सहायता कर रहे पाकिस्तान के हाथ निष्पाप लोगों के खून से रंगे हुए हैं, यह कहकर जयशंकर ने भारत की भूमिका स्पष्ट तौर पर रखी। इन देशों का पर्दाफाश करते समय ड़रना नहीं चाहिए, यह संदेश भी विदेशमंत्री जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में दिया।

साथ ही आतंकवाद के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाते समय किसी भी तरह का कारण आगे नहीं किया जा सकता। साथ ही इसमें किसी भी तरह की देर नहीं करनी चाहिए। आतंकवाद का किसी भी तरह से समर्थन करने की कोशिश नाकाम करनी ही पड़ेगी, यह बयान भी विदेशमंत्री जयशंकर ने किया। आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का हमेशा से पूरा समर्थन रहा है। साथ ही आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए सभी देशों ने आर्थिक सहायता करनी चाहिए, यह आवाहन भी विदेशमंत्री ने इस दौरान किया।

इसी बीच, सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद भारत के हाथों में है और इन्हीं दिनों में समुद्री सुरक्षा, अफ़गानिस्तान का मसला एवं आतंकवाद विरोधी बैठक का आयोजन किया गया था। इनमें से अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर आयोजित बैठक में पाकिस्तान ने बिनती करने के बावजूद इस देश को शामिल नहीं किया गया था। इसके खिलाफ पाकिस्तान ने चिल्लाहट करके सुरक्षा परिषद का इस्तेमाल पाकिस्तान विरोधी प्रचार के लिए हो रहा है, यह आलोचना की थी। इस पृष्ठभूमि पर गुरूवार के दिन विदेशमंत्री जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में ‘लश्‍कर’ और ‘जैश’ को हर तरह की सहायता प्रदान कर रहे पाकिस्तान पर की हुई आलोचना इस देश को बड़ी मिर्च लगानेवाली साबित होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

अफ़गानिस्तान में तालिबान की क्रूर हरकतों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात स्पष्ट हुई है और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान और भी बदनाम हुआ है। ऐसे में अमरीका को जल्द ही पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी, यह संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ऐसे दौर में भारत के विदेशमंत्री ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान पर की हुई आलोचना की गूँज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने की कड़ी संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.