गार्डियन ड्रोन के करार से भारत अमरीका सामरिक सहयोग बढेगा – जनरल ऑटोमिक्स के अधिकारियों का दावा

वॉशिंगटन: गार्डियन ड्रोन को बेचने का अमरीका के निर्णय से दोनों देशों के बीच संबंध अधिक मजबूत होंगे, यह दावा जनरल ऑटोमिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक लाल ने किया है। ‘साऊथ चायना सी’ में चीन ने सबका ध्यान केंद्रित किया है। भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में अपने हितों का संरक्षण करने के लिए और क्षेत्रीय संतुलन साधने का उत्तम अवसर मिलने की बात लालने कही है। साथ ही इन ड्रोंस की वजह से भारत के नौदल की क्षमता अधिक बढ़ेगी या विश्वास लाल ने व्यक्त किया है।

भारत और चीन में डोकलाम को लेकर विवाद शुरू रहते, दूसरी तरफ हिंद महासागर क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रयत्न रहा है। इस पृष्ठभूमि पर, जनरल ऑटोमिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भारत को अमरीका से प्रदान होने वाले ‘गार्डियन ड्रोंस’ के महत्व को रेखांकित किया है। अमरीका के ‘अटलांटिक काउंसिल’ने आयोजित किए कार्यक्रम में विवेक लाल बोल रहे थे।

नाटो के सदस्य देशों के अलावा अमरीका से पहली बार दूसरे देशों को ‘गार्डियन ड्रोन’ बेचा जा रहा है। यह कहते हुए जनरल ऑटो मिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लालने भारत अमरीका में हुए ड्रोन करार के महत्वपूर्ण होने की बात स्पष्ट की है। दो अब्ज डॉलर्स के इस करार अंतर्गत अमरीका भारत को २२ सी ‘गार्डियन ड्रोन’ बेच रहा है। इस वजह से अमरीका में २००० लोगों के लिए रोजगार का निर्माण होगा, यह जानकारी लालने दी।

जून महीने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे पर, भारत को गार्डियन ड्रोन को बेचने की घोषणा की गई थी। गार्डियन ड्रोंस लगातार ४० घंटे उड़ान करके, पहरा रखते हैं। जिस वजह से विस्तृत सागरी सीमा प्राप्त भारत की सागरी सुरक्षा अधिक मजबूत होगी और भारतीय नौदल की क्षमता में बहुत बड़ी बढ़ोतरी होगी।

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