अर्जेंटीना में जी-२० के पृष्ठभूमि पर – भारत अमरिका एवं जापान की त्रिपक्षीय चर्चा

ब्यूनस आयर्स: अमरिका एवं चीन में भड़के हुए व्यापार युद्ध और यूक्रेन के बारे में रशिया ने अपनाई आक्रामक भूमिका की पृष्ठभूमि पर अर्जेंटीना में हो रही जी-२० परिषद को बहुत बड़ा महत्व प्राप्त हो रहा है| इस परिषद के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में दाखिल हुए हैं| यहा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे इनमें त्रिपक्षीय चर्चा होगी, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हो रही है| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन गतिविधियों को मिल रहा महत्व और गति भारत, अमरिका और जापान के इस नियोजित त्रिपक्षीय चर्चा विश्‍लेषकों का ध्यान केंद्रित कर रही है|

अर्जेंटीना, जी-२०, पृष्ठभूमि, भारत, अमरिका, जापान, त्रिपक्षीय चर्चागुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-२० परिषद के लिए अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में दाखिल हुए| इस परिषद के पहले बहुत बड़ी उथल-पुथल हुई है और उसका प्रभाव इस परिषद पर होगा, ऐसा स्पष्ट दिखाई देने लगा है| सी ऑफ अझौव में रशिया ने यूक्रेन के नौदल जहाज जप्त किए हैं| इस कार्रवाई के बाद यूक्रेन ने रशिया के विरोध में आक्रामक भूमिका का स्वीकार किया है और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष पेट्रोशिन्कोव्ह ने देश में मार्शल लॉ जारी किया है| यह रशिया विरोध में युद्ध की घोषणा है, ऐसा घोषित करके रशिया ने यूक्रेन के विरोध में और भी अधिक कड़ी भूमिका लेने के संकेत दिए हैं|

यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष अमरिका एवं नाटो को रशिया विरोध में सहायता के लिए आवाहन करते समय अमरिका ने यूक्रेन के बारे में रशिया ने अपनाई भूमिका पर तीव्र नाराजगी व्यक्त की है| जी-२० परिषद में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प एवं रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इनके भेंट पर इस घटना का प्रभाव होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे के साथ त्रिपक्षीय चर्चा करने की जानकारी दी है| इस चर्चा की अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है|

फिलहाल साउथ चाइना सी एवं ईस्ट चाइना सी क्षेत्र में चीन अपने लष्करी कार्रवाईयां बड़े तादाद में बढ़ा रहा है| इस क्षेत्र में लष्करीकरण करके चीन अपने बल पर वहां होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापारी परिवहन पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयत्न कर रहे हैं| इसके विरोध में अमरिका एवं जापान ने गतिविधियां शुरू की है और अमरिका का नौदल अब नियमित रूप से इस क्षेत्र में गश्ती कर रहा है| ऑस्ट्रेलिया ने भी इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के वर्चस्ववादी कार्यों को कड़ा विरोध किया है और उसके विरोध में अमरिका एवं जापान के साथ सहयोग बढ़ाया है| इस चीन विरोधी संगठन में भारत बहुत बड़ा योगदान दे सकता है, ऐसा अमरिका जापान और ऑस्ट्रेलिया का कहना है|

इसीलिए ब्यूनस आयर्स में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प एवं प्रधानमंत्री शिंजो एबे इनमें हो रही त्रिपक्षीय चर्चा का महत्व बढ़ रहा है| सबसे महत्वपूर्ण बात मतलब अमरिका के साथ व्यापारी युद्ध में चीन के वित्त व्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लग रहा है और इसकी वजह से चीन को भारत के बारे में अपनी भूमिका बदलनी पड रही है, यह बात स्पष्ट दिखाई दे रही है| दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-२० के इस परिषद के दौरान लगभग २५ नेताओं से चर्चा करेंगे, यह जानकारी सामने आ रही है|

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