भारत-रशिया का अक्टूबर में सबसे बड़ा युद्धाभ्यास – तीनों दलों का समावेश

नई दिल्ली: भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति में भारत ने अमरीका के साथ युद्धाभ्यास करने का निश्चित किया है, ऐसे में अब भारत और रशिया सबसे बड़े युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले हैं। भारतीय लश्कर, वायु दल और नौसेना इन तीनों दलों के समावेश वाले इस त्रिकोणीय युद्धाभ्यास का अक्टूबर माह में आयोजन किया जाने वाला है। भारत और रशिया के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में पहली बार तीनों दल शामिल होने वाले हैं।

भारत-रशियाभारत-रशिया का यह युद्धाभ्यास १९ से २९ अक्टूबर के दौरान होने वाला है। इस युद्धाभ्यास के माध्यम से दोनों देशों के रक्षा दल लष्करी कार्रवाई में समन्वय साधने की कोशिश करने वाले हैं। इस युद्धाभ्यास के माध्यम से भारत पहली बार अन्य देशों के साथ इस तरह के त्रिकोणीय युद्धाभ्यास में शामिल होने वाला है।

भारतीय सेना के ३५० जवान इस युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले हैं और इस दौरान मेजर जनरल पद के अधिकारीयों का मुख्य रूप से सहभाग होगा। नौसेना और वायु दल के भी ३५० अधिकारी इस युद्धाभ्यास में शामिल होने की जानकारी सूत्रों ने दी है।

इस युद्धाभ्यास का आयोजन रशिया के व्लाल्दिओस्तोक प्रान्त में तीन जगहों पर होने वाला है। पिछले वर्ष भारत और रशिया के लष्कर, नौसेना और वायु दल ने द्विपक्षीय युद्धाभ्यास किया था। लेकिन इस बार पहली बार त्रिकोणीय युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है, जिसमें तीनो दल एक साथ शामिल होने वाले हैं।

भारत और रशिया में पिछ ले कई सालों से पारंपरिक मैत्री के संबंध हैं। इसके साथ ही पिछले कई सालों से दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में सहकारिता है। भारत रशिया से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदता है। जून महीने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की रशिया भेंट के दौरान दोनों देशों की रक्षा सहकारिता में बढ़ोत्तरी करने की बात तय हुई थी। दोनों देशों में अतिप्रगत रक्षा सामग्री का संयुक्त रूप से निर्माण करने के बारे में भी सहमती हुई है।

पिछले वर्ष रशिया ने पाकिस्तान सेना के साथ युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास के अनुषंग से पाकिस्तान और रशिया में नजदीकियां बढ़ने का अंदाजा लगाया जा रहा था और यह नजदीकी भारत के लिए चिंता का विषय साबित होगी, ऐसा दावा किया जा रहा था। लेकिन इस गतिविधियों में ही अब भारत और रशिया दोनों देशों का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू होने वाला है।

एक तरफ डोकलाम समस्या की वजह से भारत-चीन के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है, तो दूसरी तरफ आतंकवादियों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के साथ संबंधों में भी तनाव बढ़ गया है। भारत के खिलाफ खुले आम युद्ध करना मुमकिन नहीं है, इसका भान पाकिस्तान को है। युद्ध करके कश्मीर पाकिस्तान को कभी नहीं मिलने वाला, इस बात को पाकिस्तान के नेता इससे पहले ही मान चुके हैं। आतंकवादियों को मदद करके पाकिस्तान सीमा पर अशांतता बरकारार रखने की कोशिश कर रहा है।

ऐसी परिस्थिति में भारत और रशिया ने अक्टूबर माह में सबसे बड़े युद्धाभ्यास की तैयारी शुरू की है।

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