‘सम्प्रभुता के मुद्दे पर चीन की ‘ओबीओआर’ योजना को भारत का विरोध’ : वित्तमंत्री अरुण जेटली

योकोहामा, दि. ६ : ‘चीन द्वारा पहल करके विकसित की जा रही ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) इस महत्ताकांक्षी योजना पर भारत को ऐतराज़ है| सम्प्रभुता के मुद्दे को लेकर भारत इस परियोजना का विरोध कर रहा है’ ऐसा वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जपान में आयोजित की गयी ‘एशियन डेव्हलपमेंट बैंक’ की चर्चा में स्पष्ट किया| इस समय पाकिस्तान के वित्तमंत्री मोहम्मद इसाक दार भी उपस्थित थे| भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के वित्तमंत्रियों ने शिष्टाचार के तौर पर भी एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया, इसपर मीडिया ने ग़ौर फ़रमाया|

‘सम्प्रभुताजापान की पहल से स्थापित किये गए ‘एशियन डेव्हलपमेंट बैंक’ (एडीबी) की ५०वीं वार्षिक सभा जापान के योकोहामा में आयोजित की गयी थी| इस पृष्ठभूमि पर, एक मीडिया ने ‘एशियन इकॉनॉमिक आऊटलूक : टॉकिंग ट्रेड’ इस विषय पर चर्चा का आयोजन किया था| इसमें भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली, पाकिस्तान के वित्तमंत्री मोहम्मद इसाक दार शामिल हुए थे| इस समय चीन की ‘ओबीओआर’ योजना पर बोलते समय वित्तमंत्री जेटली ने इस संदर्भ में भारत की भूमिका स्पष्ट रुप में रखी| सम्प्रभुता के मुद्दे पर भारत द्वारा चीन की इस महत्त्वाकांक्षी योजना का विरोध किया जा रहा है, ऐसा जेटली ने कहा| लेकिन इसका अधिक विवरण इस समय भारत के अर्थमंत्री ने प्रस्तुत नहीं किया|

इस क्षेत्र की आवाजाही बढ़ाने के लिए यह परियोजना हाथ में लेना सकारात्मक बात है| लेकिन इस संदर्भ में भारत की सम्प्रभुता का मुद्दा और अन्य बाते भी जुड़ी हुई हैं| इसी वजह से इस परियोजना के बारे में भारत को आशंका है| लेकिन इस व्यासपीठ पर इसके बारे में चर्चा नहीं हो सकती, ऐसा कहते हुए जेटली ने इस संदर्भ में भारत की भूमिका राजनैतिक परिभाषा में प्रस्तुत की| इस बात पर चर्चा करते समय पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने, अपेक्षा के अनुसार ‘ओबीओआर’ का समर्थन करते हुए, ‘चीन की इस परियोजना को पाकिस्तान का पूरा समर्थन रहेगा’ ऐसा कहा|

पाकिस्तान फिलहाल ‘ओबीओआर’ और इसका एक हिस्सा रहे ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) परियोजना पर नजरें जमाए बैठा है| इस परियोजना की वजह से अपने देश की स्थिति में बदलाव होगा, ऐसा दावा पाकिस्तान की ओर से किया जा रहा है|

‘सीपीईसी’ परियोजना के माध्यम से चीन पाकिस्तान में ५० अरब से भी अधिक राशि का निवेश करेगा, ऐसा कहा जा रहा है| लेकिन इतने बडे निवेश का स्वीकार करने की क्षमता ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में नहीं है, ऐसा कहते हुए, पाकिस्तान को इस निवेश से कुछ लाभ नहीं होगा, इस ओर जानकार ग़ौर फ़रमा रहे हैं| उसी समय, ‘ओबीओआर’ परियोजना पर चीन में सकारात्मक और नकारात्मक चर्चा जारी है| भारत के विरोध के चलते क्या ‘ओबीओआर’ योजना का हिस्सा बनी ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ योजना सफल होगी, ऐसा सवाल चीन के विश्‍लेषक कर रहे हैं|

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