भारतीय ईंधन क्षेत्र में निवेश का बड़ा अवसर – प्रधानमंत्री का अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को संदेश

बंगलुरू – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन तेल की कूल मांग में भारत का हिस्सा पांच प्रतिशत है। आगे के समय में यह मांग बढ़कर ११ प्रतिशत तक पहुँचेगी। इस दौरान भारत में ईंधन वायू की मांग ५०० प्रतिशत बढ़ेगी। इस वजह से भारतीय ईंधन क्षेत्र में निवेश के नए अवसर विश्व को प्राप्त हुए हैं, इसका अहसास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराया। ‘इंडिया एनर्जी वीक २०२३’ (आईईडब्ल्यू) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री बोल रहे थे। देश की १०० प्रतिशत ईंधन ज़रूरत अक्षय ऊर्जा, जैव ईंधन और हायड्रोजन से पूरी होनी चाहिये, ऐसी महत्वाकांक्षा प्रधानमंत्री ने व्यक्त की। इससे देश विश्व में तीसरे स्थान की अर्थव्यवस्था बनेगी, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है।

देश-विदेश की प्रमुख ईंधन कंपनियों की उपस्थिती में आयोजित ‘आईईडब्ल्यू’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ईंधन क्षेत्र को लेकर भारत ने अपनाई भूमिका और नज़रिया पेश किया। वैश्विक स्तर पर जारी उथल-पुथल के बावजूद भारत में ईंधन की मांग स्थिर रही। इसके कई कारण हैं। अंदरुनि मांग, स्थिर और निर्णयक्षम सरकार, सुधार के कार्यक्रम एवं नीचले स्तर पर पहुँचे सामाजिक-आर्थिक विकास की वजह से भारत की ईंधन ज़रूरत लगातार बढ़ती रही है। भारत के आर्थिक प्रगति के आलेख पर गौर करे तो आनेवाले समय में भी ईंधन यह मांग बढ़ती रहेगी। इस वजह से ईंधन क्षेत्र के निवेश के लिए भारत सबसे अच्छा देश है, इसपर प्रधानमंत्री ने ध्यान आखर्षित किया।

इंटरनैशनल एनर्जी असोसिएशन’ ने जारी किए आँकड़ों का दाखिला देकर प्रधानमंत्री ने यह भी अहसास कराया कि, वर्तमान दशक में भारत ऊर्जा की सबसे मांग होने वाला देश साबित होगा। निवेशकों के लिए यह काफी बड़ा अवसर है, यह भी प्रधानमंत्री ने कहा साथ ही वर्तमान समय में विश्व में पांचवे स्थान की अर्थव्यवस्था बने भारत को तीसरे स्थान की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ईंधन संबंधित नीति बड़ा अहम योगदान देगी, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है।

भारत की ऊर्जा ज़रूरते अक्षय ऊर्जा, जैव ईंधन और हायड्रोजन से पूरी होने होगी, ऐसी उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की। अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने के साथ ही इथेनॉल और जैव ईंधन का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है, यह भी प्रधानमंत्री ने कहा। हायड्रोजन प्रदूषण से बचने के लिए सबसे साफ ईंधन है। इसी वजह से हायड्रोजन का ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए देश ने अहम कदम बढ़ाए हैं, इस ओर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

देश में नैसर्गिक ईंधन वायु का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए भारत की सरकार ‘मिशन मोड’ पर काम कर रही हैं। इससे भारत में फिलहाल हो रहा ईंधन का इस्तेमाल ६ प्रतिशत है और यही मात्रा २०३० तक बढ़कर १५ प्रतिशत होगी, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया। इसके लिए आवश्यक बुनियादी सुविधा विकसित करने की जोरदार कोशिश जारी है, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने साझा की। देश में ‘एलएनजी टर्मिनल्स’ की संख्या बढ़ाई जा रही है, इसपर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

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