चीन के ‘ओबीओआर’ को उत्तर भारत ‘एसएएसईसी’ को गती देगा

नई दिल्ली दि १४: चीन के महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) को चुनौती देते हुए भारत ने ‘साउथ एशियन सब रिजनल को-ऑपरेशन’ (एसएएसईसी) को गती देने का निर्णय लिया है| केंद्रीय मंत्रिमंडल में इम्फाल से म्यानमार सीमा क्षेत्र के पास मोरेह तक राजमार्ग बनाने के लिये १६३० करोड रुपयों की निधिमंजूर की है|‘एसएएसईसी’ दक्षिण-पूर्व आशियाई व पडोसी देशों को राजमार्ग से जोडनेवाला व्यूहरचनात्मक एवं महत्वपूर्ण योजना है|म्यांमार के सेना प्रमुख यु मीन औंग हलांग ८ दिन के भारत दौरे पर होते समय लिया गया यह महत्वपूर्ण निर्णय है|

म्यानमार के सेना प्रमुख यु मीन औंग ने शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की| म्यानमार के साथ द्विपक्षीय संबंध में भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति महत्वपूर्ण स्तंभ होने की बात को प्रधानमंत्री मोदीने रेखांकित किया है| म्यानमार के साथ सभी स्तर पर द्विपक्षीय संबंध और दृढ किया जायेगा यह पंतप्रधान मोदी ने कहा|

म्यानमार के सेना प्रमुख ने २ दिन में भारत के वरिष्ठ लष्कर अधिकारियों से मुलाकात की| साथ ही म्यानमार के सेनाप्रमुख ने और उनके साथ आये निदेशक मंडल ने विशाखापट्टनम के नौदल क्षेत्र का दौरा किया| साथ ही उन्होंने भारत के संरक्षण मंत्री अरुण जेटली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से भी मुलाकात की|

इसी दौरान केंद्रीय कैबिनेट ने इम्फाल से मोहेर तक ६५ किमी राजमार्ग के निर्माण के लिये १६३० करोड रुपयों की निधि मंजूर की| यह राजमार्ग ‘साउथ एशियन सब रिजनल को-ऑपरेशन’ (एसएएसईसी) योजना का भाग है|भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यानमार, नेपाल और श्रीलंका के अंतर्गत ‘कनेक्टीविटी’ बढाने के लिए ‘एसएएसईसी’ को स्थापन किया गया है| बांग्लादेश, भूतान, भारत और नेपाल (बीबीआयएन) को बीच राजमार्ग बनवाया जा रहा है| साथ ही भारत-म्यानमार-थायलंड के बीच भी राजमार्ग निर्माण करने की योजना है| यह दोनों योजनाएं ‘एसएएसईसी’ का प्रमुख हिस्सा हैं| पर यह दोनों योजनाएं बहुत ही धीमी गती से आगे बढ रही थी|

पर चीन, मध्य आशियाई और दक्षिण आशियाई देशों में ‘ओबीओआर’ अंतर्गत ऐसे बहुत से प्रकल्प शुरू कर रहे है| भारत ने ‘ओबीओआर’ में शामिल होने के लिये स्पष्ट मनाई की| चीन का ‘सीपीईसी’ प्रकल्प पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर से गुजरता है|संप्रभुता के मुद्दे को लेकर भारत चीन के इस प्रकल्प का विरोध कर रही है| मई महीने में हुई ‘ओबीओआर’ की बैठक में भारत इसी कारण से मौजूद नही था| भारत ‘कनेक्टीविटी’ में है यह आरोप चीन ने तब किया था|

पर भारत का विरोध देशों को जोडनेवाले प्रकल्पों को नही है यह भारत ने ‘एसएएसईसी’ योजना को गती देते हुए स्पष्ट किया है| म्यानमार के नजदी की गांव मोरेह तक निर्माण हो रहा राजमार्ग आगे थायलंड तक विस्तारित किया जायेगा| म्यानमार और थायलंड में इस महामार्ग का काम बहुत पहले ही शुरू किया है| साथ ही भारत के पास मलेशिया, सिंगापूर तक महामार्ग को विस्तारित करने की योजना है यह खबर मिली| यह राजमार्ग प्रकल्प ‘एक्ट ईस्ट’ नीती के लिये महत्वपूर्ण माना जा रहा है|

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