चीन ने किया हुआ कोरोना को छुपाने का काम ‘चेर्नोबिल’ की तरह ही भयंकर – बिटेन के पूर्व मंत्री ने लगाया आरोप

‘चेर्नोबिल’लंदन – चीन के वुहान स्थित लैब में ही कोरोना विषाणु का निर्माण हुआ, इन आरोपों की जागतिक स्तर पर पुष्टि हो रही है। वैज्ञानिकों ने कोरोना का विषाणु नैसर्गिक ना होने के मुद्दे पर मुहर लगाई है। इसी बीच कोरोना का संक्रमण चीन की लैब से ही होने का यक़ीन ब्रिटेन के गुप्तचर विभाग को हो चुका है। इसके साथ ही, कोरोना के संक्रमण को छुपाने का चीन ने किया काम, सोवियत रशिया में हुई ‘चेर्नोबिल’ परमाणु दुर्घटना की तरह ही भयंकर है और हम सब इसकी कीमत चुका रहे हैं, ऐसा आरोप ब्रिटेन के पूर्व मंत्री डेव्हिड डेव्हिस ने लगाया।

कोरोना का संक्रमण फैलाने के आरोप होने के बाद बेचैन हुए चीन ने, भारत से पहुँचे कोरोना के विषाणु से चीन के नागरिक संक्रमित हुए होने के दावे किए हैं। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने यह आरोप लगाया है। फिलहाल चीन में देखें जा रहें कोरोना संक्रमितों में ‘इंडियन स्ट्रेन’ होने का दावा इस चिनी मुखपत्र ने किया। लेकिन, असल में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहें आरोपों से खुद को रिहा करने के लिए, चीन अब भारत की ओर दिशा निर्देश करता हुआ स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

कोरोना नैसर्गिक तरीके से निर्माण हुआ विषाणु नहीं है। बल्कि इसका निर्माण लैब में ही किया गया है। लेकिन, यह विषाणु नैसर्गिक दिखाई दें, इस तरह से इसकी रचना रखी गई है, यह जानकारी साझा करनेवाला लेख, ब्रिटेन के वैज्ञानिक प्रोफेसर एंगस डैलग्लेईश और नॉर्वे के वैज्ञानिक बर्जर सॉरेन्सन ने पूरे अध्ययन करने के बाद लिखा है। २२ पन्नो के इस लेख में इन दोनों वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि चीन के वैज्ञानिक, अमरीका की कुछ युनिव्हर्सिटीज्‌ की सहायता से कोरोना का निर्माण करने की कड़ी कोशिश करने में जुटे थे। चीन के वैज्ञानिकों ने लैब में कोरोना का निर्माण किया और इसपर रिव्हर्स इंजिनिअरिंग करके यह विषाणु चमगाधड़ से मानव में संक्रमित होने का भ्रम निर्माण किया, यह आरोप भी इन दोनों वैज्ञानिकों ने लगाया है।

‘चेर्नोबिल’इस भयंकर साज़िश की जानकारी सार्वजनिक करनेवाले वैज्ञानिक चीन से संदिग्ध पद्धती से गायब हुए हैं, इस ओर प्रोफेसर एंगस डैलग्लेईश और डॉ.बर्जर सॉरेन्सेन ने ध्यान आकर्षित किया। इससे पहले ब्रिटेन के अखबारों ने कोरोना संक्रमण को लेकर चीन से कड़े सवाल किए थे। अब सीधे ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणाओं ने भी, कोरोना चीन ने ही संक्रमित किया होने की पुष्टि करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। नाम सार्वजनिक किए बिना, ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणाओं के अफसर यह बात स्वीकार रहे हैं। इससे यही दिख रहा है कि आनेवाले दिनों में ब्रिटेन इस संक्रमण के मुद्दे पर चीन के खिलाफ ड़टकर भूमिका अपनाने की तैयारी में जुटा है। ब्रिटेन के पूर्व मंत्री डेव्हिड डेव्हिस ने आरोप लगाया है कि कोरोना से संबंधित जानकारी छुपाने का चीन द्वारा हो रहा काम चेर्नोबिल की परमाणु दुर्घटना की तरह ही भयंकर है।

वर्ष १९८६ में सोवियत रशिया के ‘चेर्नोबिल’ परमाणु प्रकल्प में दुर्घटना हुई थी। लेकिन, शुरू के दिनों में सोवियत रशिया ने, ऐसा कुछ हुआ ही ना होने का बयान करके, इसकी जानकारी छुपाने की कोशिश की। लेकिन, इस परमाणु दुर्घटना ने भयंकर स्वरूप धारण करने के बाद इसकी कबुली देने के लिए रशिया मज़बूर हुआ था। सोवियत रशिया की तरह ही, कम्युनिस्ट पार्टी की एकाधिकारशाही होनेवाला चीन, कोरोना संक्रमण को लेकर वैसी ही भूमिका अपना रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी की इस गोपनीयता की काफी बड़ी क़ीमत हम सब चुका रहे हैं। इसी वजह से, कोरोना संक्रमण की पूरी जाँच निष्पक्षता से करना ज़रूरी है, ऐसा डेव्हिड डेव्हिस ने कहा।

इसी बीच कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर चीन से तीखें सवाल करनेवाले अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने, फिर एक बार चीन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। वुहान की लैब में लष्करी संशोधन शुरू था, ऐसा पोम्पिओ ने कहा। इसकी जानकारी देने से चीन इन्कार कर रहा है, यह आरोप भी पोम्पिओ ने लगाया है।

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