केंद्र सरकार ने खरीफ के १४ प्रकार के फसलों की ‘एमएसपी’ में की बढ़ोतरी

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने खरीफ के १४ प्रकार के फसलों के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (‘मिनिमम सपोर्ट प्राईस’ – (एमएसपी)) में बढ़ोतरी करने का अहम निर्णय किया है। साथ ही, कृषिकर्ज चुकाने के लिए प्रदान की अवधि तीन महीनों के लिए बढ़ाकर केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है।

crops priceकेंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय किए गए। इस निर्णय के अनुसार धान, बार्ली, बाजरी, नाचनी, मूँग, मूँगफली, सोयाबीन, तील और कपास के ‘एमएसपी’ में बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा तूर, उड़द, मूँगदाल एवं मके के ‘एमएसपी’ में बढ़ोतरी करने के लिए सरकार ने ‘सी-२ प्लस ५०’ फार्म्युले का इस्तेमाल किया होकर, इसके अनुसार खेत की जमीन का भाड़ा और खेती के लिए हुए खर्च के ब्याज का भी समावेश ‘एमएसपी’ में किया जाता है। साथ ही, स्वामिनाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार ५० प्रतिशत या उससे अधिक मुनाफ़ा, ‘एमएसपी’ में पकड़ा जाता है।

इसके अनुसार धान के लिए ‘एमएसपी’ में बढ़ोतरी करके प्रति क्विंटल १,८६८ रुपये दर तय किया गया है। बाजरी के लिए २,१५० रुपये प्रति क्विंटल दर मिलेगा और जव यानी बार्ली के लिए २,६२० रुपये दर तय किया गया है। नाचनी, तील, सोयाबीन, सूर्यफूल के ‘एमएसपी’ में ५० प्रतिशत बढ़ोतरी की गई हैं और मके के ‘एमएसपी’ में ५३ प्रतिशत बढ़ोतरी की गई हैं। कपास के ‘एमएसपी’ में २७५ रुपयों की बढ़ोतरी करके ५,८२५ रुपये किया गया है।

इसके अलावा कृषि कर्ज लेनेवाले किसानों के लिए कर्ज चुकाने के लिए दी गई अवधि ३१ अगस्त तक बढ़ाई गई है। साथ ही, कर्ज का समय में भुगतान करनेवाले किसानों के लिए आगे, मात्र ४ प्रतिशत ब्याज दर से कर्ज प्राप्त होगा।

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