अज़रबैजान ने अर्मेनिया के परमाणु केंद्र पर मिसाइल हमला करने की धमकी दी

बाकु – अज़रबैजान और अर्मेनिया इन दो देशों के बीच पिछले कुछ दिनों से हो रहे संघर्ष में १६ सैनिक मारे गए हैं। सोवियत रशिया से अलग हुए इन दोनों एशियाई देशों ने एक-दूसरें की दिशा में मिसाइल तैनात किए हैं और अज़रबैजान ने अर्मेनिया के परमाणु केंद्र पर मिसाइल हमला करने की धमकी दी है। ऐसा हुआ, तो चेर्नोबिल की दुर्घटना से भी अधिक ड़रावनी स्थिति निर्माण होगी, यह चिंता भी व्यक्त की जा रही है। भारत, अमरीका, रशिया और युरोपिय महासंघ ने इन दोनों देशों को संयम बरतने के लिए आवाहन किया है।

Azarbaijan-Armeniaसोवियत रशिया से अलग होते ही अज़रबैजान और अर्मेनिया के बीच सीमा विवाद अभी भी कायम है। पिछले चार वर्षों से इन दोनों पड़ोसी देशों की सीमा पर तनाव बढ़ रहा है और पिछले हफ़्ते से इस तनाव का रूपांतर संघर्ष में हुआ है। इस संघर्ष में अब तक कम से कम १६ सैनिकों के मारे जाने का दावा किया जा रहा हैं। इसके बाद अज़रबैजान और अर्मेनिया ने अपनी अपनी सीमा पर मिसाइल, टैंक, तोंप और ड्रोन्स तैनात किए हैं। पिछले तीन दशकों में इन दोनों मध्य एशियाई देशों की सीमा पर गोलीबारी की कई घटनाएँ हुईं थीं। लेकिन अब पहली बार इन दोनों देशों ने, सीमा पर सेना तैनाती बढ़ाई है और एक-दूसरे को धमकाना शुरू किया है।

‘अर्मेनिया का मेटसॅमोर परमाणु केंद्र अपने मिसाइल हमलों में तबाह होगा, यह बात अर्मेनिया ध्यान में रखें। अपने एक हमले से अर्मेनिया पर आज तक का सबसे अधिक भीषण संकट टूट गिरेगा’, यह धमकी अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दी है। इसके लिए अज़रबैजान मिसाइलों के साथ ड्रोन्स का इस्तेमाल करने की संभावना भी जताई जा रही है। पिछले सप्ताह में अर्मेनिया ने अज़रबैजान का मेंगाचेवीर बांध ध्वस्त करने की चेतावनी दी थी। साथ ही, अर्मेनिया की सेना ने अज़रबैजान का लष्करी अड्डा तहस नहस करने की जानकारी सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर, अज़रबैजान ने अर्मेनिया के परमाणु केंद्र पर ही हमला करने की ही धमकी दी है, ऐसा कहा जा रहा है।

Azarbaijan-Armeniaअर्मेनिया की राजधानी येरेवान से ३५ किलोमीटर दूरी पर मेटसॅमोर परमाणु केंद्र मौजूद है। अर्मेनिया के एक तिहाई क्षेत्र को इसी केंद्र से बिजली की सप्लाई होती है। येरेवान से मेटसॅमोर परमाणु केंद्र तक के इलाके में १० लाख से अधिक जनसंख्या मौजूद है। इस वज़ह से, अज़रबैजान ने यदि इस केंद्र पर हमला किया, तो बड़ी मात्रा में जीवित नुकसान भी हो सकता है। अज़रबैजान के धमकाने से मध्य एशिया में चेर्नोबिल की नइ घटना होने की संभावना बढ़ी हैं, यह इशारा अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया हैं। युक्रैन के चेर्नोबिल और अर्मेनिया के मेटसॅमोर इन दोनों परमाणु केंद्र का निर्माण एक ही दौर में हुआ था। सन १९८६ में हुए भूकंप के बाद चेर्नोबिल परमाणु केंद्र में एटमी रिसाव हुआ था और बड़ी संख्या में जीवित हानि भी हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर, अज़रबैजान ने अर्मेनिया को दी हुई धमकी की गंभीरता बढ़ी है।

अज़रबैजान ने दी हुई इस धमकी पर विश्‍वभर से तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त हो रही है। भारत ने मध्य एशिया के इन दोनों देशों को संयम बरतने का आवाहन किया है। रशिया ने अपने दोनों पड़ोसी देशों को युद्धविराम करने के लिए आवाहन किया है और इसके लिए मध्यस्थता करने की तैयारी भी जताई है। इसी बीच, तुर्की ने अज़रबैजान को हथियारों से सज्जित करके, यदि युद्ध शुरू हुआ, तो अर्मेनिया के विरोध में सहायता करने का ऐलान किया है।

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