‘आयएस’ के आतंकियों में दरार; ‘आयएस’ द्वारा ५८ साथीदारों का ख़ात्मा

बगदाद, दि. १६ (वृत्तसंस्था) – मोसूल शहर को इराक़ी सरकार और सेना के हाथ सौंपने की तैयारी करनेवाले ५८ विद्रोही आतंकवादियों को ‘आयएस’ ने खत्म कर दिया| इस बगावत की कोशिश में ‘आयएस’ प्रमुख ‘अबू बक्र अल-बगदादी’ के निकटतम सहयोगी भी शामिल हुए होने से, ‘आयएस’ में ही फूट पड़ी होने के संकेत मिल रहे हैं| इसी दौरान, ‘आयएस’ में बग़ावत करने की यह साज़िश नाक़ामयाब होने के बाद इराकी सेना ने मोसूल पर हमले की तैयारी की है|

आयएसमोसूल के स्थानिकों ने दी जानकारी के अनुसार, ‘आयएस’ के आतंकियों ने पिछले हफ़्ते अपने साथीदारों को खत्म किया| ये मारे गये सभी आतंकी, इराकी सुरक्षा एजन्सियों से जा मिलनेवाले थे और वे ‘आयएस’ के साथ गद्दारी करने की कोशिश में थे, ऐसी जानकारी स्थानिकों ने दी| इनमें बगदादी का मोसूल स्थित वरिष्ठ कमांडर भी शामिल था| इस वजह से मोसूल पर कब्ज़ा करने की इराक़ी सेना की योजना सफल हो सकती थी| लेकिन उससे पहले ही ‘आयएस’ ने इन विद्रोही आतंकवादियों को मार गिराया|

इससे पहले ‘आयएस’ के प्रशिक्षण शिविर से भाग जानेवाले, आतंकी हमलों की मुहिमों से पीछे हटनेवाले, साथ ही, जासूसी कर रहे होने का शक़ रहनेवाले आतंकियों को इस संगठन ने खत्म किया था| लेकिन इस आतंकी संगठन के आतंकी, इतनी बड़ी तादाद में इराकी सेना में शामिल होने की तैयारी में थे, ऐसा पहली ही बार हो रहा था, ऐसी जानकारी सामने आ रही है|

इस बग़ावत से, ‘आयएस’ के नेताओं के बारे में बढ़ती नाराज़गी स्पष्ट रूप में दिखाई दे रही है| उसी में, ‘आयएस’ की इराक स्थित राजधानी मोसूल में ही यह बगावत हुई होने के कारण इस आतंकी संगठन को बड़ा झटका लगा है, ऐसा इराक स्थित ‘आयएस’ विशेषज्ञों का कहना हैं|

‘मोसूल’ पर कब्ज़ा पाने के लिए इराकी सेना ने ज़बरदस्त तैयारी की है| इराकी सेना, साथ ही ‘आयएस’ विरोधी टोलियाँ तथा कुर्द सेना ने मिलकर ‘मोसूल’ को घेर लिया है| उसीके साथ, अमरीका और मित्र देशों के लड़ाकू प्लेन्स भी मोसूल पर हवाई हमले करने के लिए तैयार हैं| पिछले कुछ महीनों में इराकी सेना और अमरिकी लड़ाकू प्लेन्स ने मिलकर इराक में ‘आयएस’ के कई ठिकानों पर कब्ज़ा कर लिया है|

‘मोसूल’ यह ‘आयएस’ के कब्ज़ेवाला आख़िरी सबसे बड़ा शहर है| इसलिए इस शहर पर कब्ज़ा कर ‘आयएस’ को बड़ा झटका देने की तैयारी इराकी सेना ने की है| लेकिन मोसूल आसानी से इराकी सेना के हाथ ना लगें, इसलिए ‘आयएस’ के आतंकी स्थानीय जनता को अपनी ढ़ाल बनाकर छिपे बैठे हैं, ऐसी खबर प्रकाशित हुई थी| इस वजह से इराकी सेना को ‘मोसूल’ पर चढ़ाई करने की योजना को स्थगित करना पड़ा था|

इन परिस्थितियों में, ‘आयएस’ में बग़ावत हो जाती, तो इराकी सेना के लिए मोसूल पर कब्ज़ा करना आसान हो सकता था| लेकिन उससे पहले ही ‘आयएस’ ने अपने साथीदारों को ख़त्म कर दिया होने से ‘मोसूल’ का संघर्ष और भी भड़क उठने की संभावना बढ़ी है|

अमरीका, सौदी द्वारा ९००० आतंकियों की सहायता : रशियन एजन्सी का आरोप

सीरिया में अस्साद सरकार को घेरने के लिए अमरीका और सौदी अरेबिया, इराक के मोसूल में फँसे ९००० आंतकियों की सहायता करेंगे| इन आतंकियों को मोसूल से सहीसलामत बाहर निकालकर सीरिया में ले जाने की ज़िम्मेदारी अमरीका और सौदी ने ली है| रशिया की ‘रीया-नोव्होस्ती’ इस समाचार एजन्सी ने सैनिकी और राजनीतिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी|

इराक की सेना जल्द ही मोसूल में बड़ा संघर्ष शुरू करने वाली है| इन हमलों के लिए अमरीका के लड़ाकू प्लेन्स भी सहायता करनेवाले हैं| लेकिन इन हमलों से पहले ही अमरीका और सौदी, मोसूल में फँसे हज़ारो आतंकियों को वहाँ से निकालकर सीरिया की पूर्वी सीमा तक पहुँचाने की तैयारी में हैं| सीरिया के ‘देर अल-झोर’ और ‘पालमिरा’ इन शहरों पर हमलें चढ़ाकर सीरियन सेना को चुनौती देने के लिए अमरीका और सौदी इन आतंकियों का इस्तेमाल करनेवाले हैं, ऐसा इस ख़बर में कहा गया है|

 

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